वाराणसी सीरियल ब्लास्ट जिसमें 7 लोगों की जान चली गई थी, के दोषी वलीउल्लाह को गाजियाबाद की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। उसे दशाश्वमेध घाट बम धमाकों में उम्र कैद की सुनाई गयी है। दोनों धमाकों में 16 लोगों की मौत हो गयी थी।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में यह धमाके 2006 में हुए थे। गाजियाबाद के कोर्ट ने वलीउल्लाह को पहले ही दोषी करार दिया था। अदालत ने अपना फैसला देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अदालत ने सुनवाई के बाद अपने फैसले में वलीउल्लाह को धमाकों के दो मामलों में दोषी माना। हालांकि, एक अन्य मामले में उसे बरी कर दिया गया है। वलीउल्लाह को 4 जून को जिला और सत्र न्यायाधीश ने बनारस के संकट मोचन मंदिर में हुए ब्लास्ट मामले में दोषी ठहराया था। इस धमाके में सात लोगों की जान चली गयी थी।
इसके अलावा अदालत ने उसे दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम मिलने के मामले में में भी दोषी ठहराया। हालांकि, रेलवे कैंट में बम विस्फोट मामले में उसे सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। इन बम धमाकों में 16 लोगों की मौत हुई थी जबकि 76 लोग घायल हुए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक वलीउल्लाह की तरफ से बनारस में कोई वकील लड़ने को तैयार नहीं हुआ था जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सुनवाई ग़ाज़ियाबाद कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गयी थी। इन धमाकों में शामिल अन्य तीन आतंकियों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।