दीपावली के 8 दिन के बाद भी दिल्ली–एनसीआर में वायु प्रदूषण का कहर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की आंखों में जलन की शिकायतें काफी बढ़ी है। वहीं अस्थमा के रोग से पीड़ित मरीजों का संख्या मे भी इजाफा हुआ है।
वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे जानकारी देते हुये डाँ बृजकिशोर तोमर ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर सहित कई राज्यों में वायु प्रदूषण के कारण प्रकृति से लेकर मानव जीवन में संकट बढ़ा है। एयर क्वालिटी इन्डेक्स 4 सौ से ज्यादा होने पर लंग में काला पन होने की शिकायतों में इजाफा हुआ है।
बताते चलें, दीपावली के त्यौहार पर पटाखों पर रोक लगाने का उद्देश्य यही था। कि पटाखों के जलाये जाने से प्रदूषित माहौल पर रोक लगेगी। लेकिन, पटाखों के रोक के बावजूद भी पटाखें जलाये गये। जिससे वायु प्रदूषण बढ़ा है।
दिल्ली–एनसीआर में जहां देखों वहां प्रदूषित धुआं ही धुआं दिखायी देता है। सबसे चौकाने वाली बात तो ये है कि केन्द्र सरकार से लेकर दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने लिये जो भी इंतजाम किये है। वो सब दिखावे के ही साबित हो रहे है। ऐसे में आम जनमानस को प्रदूषित माहौल में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है।