सर्दी ने दस्तक दे दी है।वायु प्रदूषण का कहर है। ऐसे में सरकार की ओर से अलाव बंद है। फिर भी लोग नियमों की अनदेखी कर पार्को में , बस स्टैण्डों पर और सार्वजनिक स्थानों में सर्दी से बचाव के लिये सुबह-सुबह बसों के टायर और सड़कों पर फैले कूड़े को जलाकर जहरीला धुंआ फेंक रहे है। जिससे शहर का पूरा वातावरण खराब हो रहा है।
तहलका संवाददाता ने सुबह कई पार्कों सहित कई अन्य स्थानों पर देखा कि लोग सर्दी से बचाव के लिये आग जला रहें। सुबह-सुबह पार्को में आग जलाये जाने पर लोगों ने विरोध भी किया है। लेकिन कोई किसी की सुनने को तैयार ही नहीं है।
दिल्ली के पांडव नगर में पार्क में आग जलाकर सर्दी बचाने वाले को रोका तो उसका कहना था कि हम गरीब लोग है। सर्दी से बचाव के लिये हमारे पास न तो गर्म हीटर है और अन्य ही गर्म कपड़े तो ऐसे में मजबूर होकर पार्क में फैली पड़ी लकड़ी को जलाकर सर्दी बचा रहे है। यहां के निवासियों का कहना है कि हर साल सर्दी के मौसम में यहां पर कुछ लोग ऐसे ही यहां पर वायु प्रदूषण फैला कर लोगों को परेशान करते है। जिससे बच्चे और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होती है।
सामाजिक कार्यकर्ता परम जीत सहोता ने बताया कि वायु प्रदूषण को खराब करने में पराली और बसों का धुआं ही जिम्मेदार नहीं है। सड़को और कूड़ा घरों में अवैध रूप से जलाये जाने वाला धुआं ही जिम्मेदार है।जो भी सार्वजनिक स्थानों पर अगर आग जलाता है। उसके खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही होनी चाहिये।