अगर राजधानी दिल्ली–एनसीआर में वायु प्रदूषण का कहर ऐसा ही बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में शायद ही कोई घर बचें। जिसको सांस लेने में दिक्कत सहित वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारी ना हो।
यह जानकारी दिल्ली सरकार के स्टेट प्रोग्राम आँफीसर एवं एडशिनल एम एस (जी आई पी ई आर) के डाँ भारत भूषण ने दी। उन्होंने बताया कि, दिल्ली में सांस लेने में दिक्कत और आँखों में जलन के कारण लोगों को घर से निकलने में दिक्कत हो रही है। जिसमें सबसे अधिक बच्चें है।
डाँ भारत भूषण का कहना है कि, दिल्ली–एनसीआर में कोरोना, डेंगू और प्रदूषित कहर से लोगों में बैचेनी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि बचाव के तौर पर सलह दी जाती है कि घर पर रहे। साथ ही घर से निकलते ही मास्क अवश्य लगाये। डाँ भारत भूषण का मानना है। प्रदूषण अब सलाना संकट के तौर पर लोगों के जीवन में जहर घोल रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा बच्चें प्रभावित हो रहे है।
क्योंकि दिल्ली में सरकारी हो या निजी अस्पताल कोरोना और डेंगू के बाद अगर सबसे ज्याजा मरीज जो आ रहे है। वो दमा अस्थमा और सांस रोग से पीड़ित मरीज है।
उन्होंने आगे कहा कि, जो लोग तम्बाकू , बीड़ी और सिगरेट का सेवन करते है। वो इस मौसम में बिल्कुल भी सेवन ना करें। क्योंकि इससे उनके स्वास्थ्य पर एक साथ दो–तरफा नुकसान हो सकता है। क्योंकि ज्यादात्तर नशें का सेवन इसलिये करते है।
कुछ लोग सिगरेट का सेवन केवल टेंशन को कम करने के लिए करते है। जबकि इससे ना तो टेंशन कम होती है। बल्कि, शरीर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।