वादों और सेंधमारी की सियासत

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है 8 फरवरी को मतदान और 11 फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित किये जाएँगे। ऐसे में सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के साथ सेंधमारी की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला है। इस बार भी आप पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का राग अलापना शुरू कर दिया है। िफलहाल सत्ता पाने की जुगत में कांग्रेेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने वादों की झड़ी लगी दी है। सेंधमारी प्रक्रिया में तीनों दल लगे हुए हैं। हर रोज़ एक दूसरी पार्टी के नेता दल-बदल करने में लगे हैं। क्या किया जाए सियासी िफतरत ही ऐसी है, जो पाला बदलने में देर नहीं करती है।

70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में आप पार्टी और भाजपा के बीच चुनाव फँसता नज़र आ रहा है। कांग्रेस पार्टी में शीला दीक्षित के निधन के बाद अभी तक कांग्रेस में दम नज़र नहीं आ रही है। आप पार्टी  के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को 2015 में विधानसभा चुनाव में 70 में 67 सीटों पर रिकॉर्ड तोड़ जीत मिली थी। भाजपा को कुल 3 सीटों पर ही सफलता मिली थी, जबकि कांग्रेस का खाता नहीं खुला था। अरविन्द केजरीवाल इस बार 2020 के विधानसभा चुनाव  में भले ही अपने 5 साल के कार्यकाल के आधार पर वोट मांग कर जीत दावा कर रहें। पर इस बार वो धार आप पार्टी में नहीं दिख रही है। इसकी वजह यह बतायी जा रही है कि केजरीवाल पर भले ही कोई भ्रष्टाचार का कोई आरोप न लगा हो, पर उनके विधायकों की जनता में छवि पहले वाली नहीं है। उन पर छोटे-मोटे आरोप समय- समय पर लगते रहे हैं, लेकिन कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ। मगर कई विधायकों का इस बार चुनाव में टिकट कटा है। ऐसे विधायक टिकट न मिलने पर वो निर्दलीय या किसी दूसरे दल के टिकट पर चुनाव लडक़र आप पार्टी में सेंधमारी करके नुकसान पहुँचा सकते हैं।

भाजपा ने जीत को पक्का करने के लिए सेंधमारी शुरू कर दी है। ऐसा लोक सभा चुनाव में आप पार्टी के तीन विधायक कपिल मिश्रा, देवेन्द्र सहरावत और अनिल बाजपेयी भाजपा के समर्थन में दिखे हैं और हाल ही में आप पार्टी के नेता गुगन सिंह ने भाजपा की सदस्यता हासिल कर आप पार्टी को झटका दिया है, गुगन सिंह उत्तर-पश्चिम दिल्ली से लोक सभा का चुनाव लड़ चुके हैं उनको ज़मीनी नेता माना जाता है ऐसे में भाजपा को काफी लाभ मिल सकता है। भाजपा की लोकप्रियता में जो भी इज़ाफा हो रहा है। उसके में मूल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है। दिल्ली के चुनाव में मुख्यमंत्री को कोई चेहरा नहीं है, जो केजरीवाल को टक्कर दे सकें। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें 70 विधानसभा में 65 विधानसभा में  की बढ़त मिली थी। वोटो इज़ाफा हुआ है। और आप पार्टी के सातों उममीदारों की बुरी तरह से हार हुई थी। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस बार दिल्ली में पार्टी ने काम किया है और लोगों से जुडक़र उनकी समस्याओं का समाधान किया है। रहा सवाल मुख्यमंत्री के नाम का तो वो चुनाव के बाद होगा। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के नाम पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। भाजपा के नेता यह मानकर चल रहे हैं कि जिस प्रकार लोकसभा के चुनाव में विधानसभा की सीटों में 56 प्रतिशत वोटों की बढ़त मिली, वो एक शुभ संकेत है। भाजपा दो दशकों से दिल्ली में सरकार बनाने से चूक रही है, वो इस बार  सरकार बनाने की लिए काफी मेहनत कर रही है।

दिल्ली में कांग्रेस पार्टी इस बार चुनाव में इस गुमान है में है कि वो महाराष्ट्र और झारखंड की तरह अपने विधायकों को जिताकर लाएगी, जो सरकार बनाने में अहम् भूमिका निभा सकते हैं। कांग्रेस का मानना है कि दिल्ली में शीला दीक्षित के कद का नेता िफलहाल नहीं है। पर कांग्रेस निरन्तर जनता के बीच में कांग्रेस को मज़बूत करने में लगी है। कांग्रेस के नेता ने बताया कि इस बार दिल्ली में कांग्रेस के चुनाव परिणाम चौंकाने वाले सामने आएँगे। क्योंकि भाजपा और आप पार्टी को जनता देख चुकी है। कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जो सभी को साथ लेकर चलती है। कांग्रेस के दिल्ली में शीला दीक्षित के 15 साल के शासन में जो विकास हुआ है, उसको जनता याद कर रही है। कांग्रेस इसी आधार पर वोट माँगेगी। दिल्ली में नयी पाॢटयाँ भी सपा, बसपा की तरह ताल ठोंक रही है। राष्ट्र निर्माण पार्टी के अध्यक्ष ठाकुर विक्रम सिंह ने बताया कि वह दिल्ली विधान सभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली और केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण विकास कार्य ठप्प है, ऐसे में उनकी पार्टी विकास और भाईचारे के आधार पर वोट माँगेगी। पार्टी के महासचिव डॉ. आनंद कुमार ने बताया कि दिल्ली में लोगों को मूलभूत सुविधाएँ नहीं मिल पा रही हैं। इसके लिए भाजपा, कांग्रेस और आप पार्टी ज़िम्मेदार हैं।

दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि जो भी आप पार्टी ने जनता को सुविधा देने की बात कहीं है, उसका तीन गुना भाजपा जनता को देगी अगर सरकार बनी, तो और दिल्ली में विकास कार्यों में तेज़ी लाएगी। दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अगर चुनाव जीत कर आएगी, तो दिल्ली वालों को 600 यूनिट फ्री बिजली देगी और  बुजुर्गों की पेशन 3,000 रुपये केगी और लाडली योजना को लागू करेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि भाजपा के वादे में दम नहीं है; क्योंकि आप पार्टी ने 200 यूनिट बिजली और 20 हज़ार लीटर पानी प्रत्येक माह फ्री देने का वादा किया है। ऐसे में क्या भाजपा 1000 यूनिट बिजली और एक लाख लीटर पानी फ्री देगी? केजरीवाल ने कहा कि इससे यह साफ है कि भाजपा जो बात कर रही है, उसमें दम नहीं है।

बाइक रैली कर भाजपा ने किया चुनावी शंखनाद

दिल्ली में जिस प्रकार नागरिकता संशोधन कानून, जामिया और जेएनयू को लेकर मचे बवाल के बाद सीधे तौर पर इस चुनावी बेला में आम आदमी पार्टी आप, और कांग्रेस के विरोध में भाजपा ने 9 जनवरी विजय संकल्प बाइक रैली निकालकर चुनावी शंखनाद कर पूरी दिल्ली में कांग्रेस और आप पार्टी को जमकर कोसा और कहा कि आप पार्टी और कांग्रेस दिल्ली सहित पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लोगों को गुमराह कर रही है। जेएनयू,जामिया में वाम दल कांगे्रस आप वाले छात्रों को भडक़ा रहे हैं, जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बाइक रैली को दिल्ली भाजपा कार्यालय पंत मार्ग में सांसद मीनाक्षी लेखी ने झंडा दिखा रवाना किया और कहा कि आप पार्टी ने पाँच साल में कुछ नहीं किया है। कहने को तो यह रैली सामाजिक कार्यकर्ताओं और गैर राजनीतिक दल द्वारा आयोजित की गयी थी। लेकिन रैली पूरी तरह से भगवा रंग में रंगी थी। रैली की अगुवाई दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने की खुद बाइक चलाकर पार्टी कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की उनके साथ बाइक में दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल थे। रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गह मंत्री अमित शाह ज़िन्दाबाद के नारे लगाये गये और टुकड़े-टुकड़े के विरोध में नारेबाज़ी की गयी। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में नागरिकता कानून और जेएनयू को लेकर जो बवाल कांग्रेस और आप पार्टी मचा रही है, उसका जबाव अब जनता दिल्ली विधानसभा चुनाव में देगी। विजय गोयल ने कहा कि अब आप पार्टी की सरकार के दिन गये भाजपा करी सरकार बनते ही दिल्ली वासियों की समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा। दिल्ली भाजपा के नेता अमरीश सिंह गौतम ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने काम कम किया प्रचार ज़्यादा किया है, जिसको जनता समझ चुकी है। दिल्ली के चुनाव में भाजपा की जीत का परचम लहरायेगा। भाजपा नेता कैलाश गुप्ता ने कहा कि अबकी बार दिल्ली में भाजपा की सरकार; क्योंकि जिस प्रकार देश में भाजपा ने जो ऐतिहासिक काम किये हैं,  विकास किया है, वह दिल्ली में सरकार बनते ही होगा। क्योंकि आप पार्टी आंदोलन से निकली और अन्ना हज़ारे को गुमराह कर आयी है, अब जनता उसको हटाकर ही मानेगी और भाजपा की सरकार बनवाएगी।