भारत ने लंदन मेें खेले जा रहे वाइटैलिटी महिला विश्वकप के ‘क्रासओवर’ मैच में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए इटली को 3-0 से हरा कर क्वार्टर फाइनल मे प्रवेश कर लिया। यहां उसकी टक्कर आयरलैंड के साथ होगी। भारत के लिए पहला गोल नौवें मिनट में लालरेमसियामी ने ‘रिवर्स फ्लिक’ से किया। दूसरा गोल नेहा गोयल ने तीसरा क्वार्टर खत्म होने से कुछ क्षण पूर्व दागा। नेहा गोयल का ट्रर्नामेंट में यह दूसरा गोल था। तीसरा व अंतिम गोल वंदना कटारिया ने 55वें मिनट में किया।
इससे पूर्व 1978 में भारत क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था। अब 40 साल बाद भारत को यह अवसर मिला है। उस समय भारत सातवें स्थान पर रहा था।
मैच के बाद भारतीय टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा, ‘हम यहां मैच जीतने आए हैं। हम सभी को पता था कि यह मैच कितना महत्वपूर्ण है, पर हमारा सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। हमें मौके मिले और हमने गोल किए। अब हमारा सारा ध्यान अगले मैच पर है।’ रानी ने कहा, ‘आयरलैंड के साथ रोमांचक मुकाबला होगा। हम पूल में उनसे खेल चुके हैं पर विश्वकप का क्वार्टर फाइनल एक अलग गेम होगी।
इससे पूर्व पांचवे पेनल्टी कार्नर पर कप्तान रानी रामपाल का गोल भारत को लंदन में खेले जा रहे वाईटैलिटी महिला हाकी विश्व कप के ‘क्रास ओवर ‘ मैच खेलने का अधिकारी बना गया। सातवीं वरीयता वाले अमेरिका को ‘क्रास ओवर’ मैच खेलने के लिए भारत पर जीत दर्ज करना ज़रूरी था जबकि भारत के लिए ‘ड्रा’ भी काफी था। हालांकि भारत ने इस टूर्नामेंट में अभी तक एक भी मैच नहीं जीता पर तीन में से दो मैच बराबर खेल कर वह गोलांतर के आधार पर अमेरिका को पछाडऩे में सफल रहा। 1974 के मैंडिल्यू (फ्रांस) विश्व कप के बाद जहां भारत को चौथा स्थान मिला था, अब 2018 में 44 साल बाद यह अवसर है कि वह अंतिम चार में प्रवेश कर सकता है।
विश्व की एक नंबर की टीम नीदरलैंडस छठे नंबर की जर्मनी, पांचवें नंबर की आस्ट्रेलिया और 16 वें नंबर की आयरलैंड अपने -अपने पूल में शीर्ष स्थान पर रह कर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश पा चुके हैं। बाकी चार टीमों का फैसला क्रास ओवर मैचों के परिणामों के आधार पर होगा। यहां बैल्जियम, स्पेन, भारत, इटली, इंग्लैंड और दक्षिएा कोरिया दावेदार हैं। इन क्रास ओवर मैचों में बैल्जियम की टक्कर स्पेन से और विश्व की तीसरे नंबर की अर्जेंटीना का मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा।
भारत की टक्क्र टूर्नामेंट में सबसे निम्न रैंकिंग 17 की टीम इटली से है। ध्यान रहे पूल मैच में इटली नीदरलैंडस से 1-12 से हार चुकी है। इस प्रकार भारत के लिए एक सुनहरी अवसर है। यदि भारत इस मैच को जीतता है तो फिर उसका मुकाबला 16वीं रैंकिंग वाली टीम आयरलैंड से होगा। हालांकि पूल मैच में आयरलैंड भारत को 1-0 से हरा चुका है, पर उस मैच में पलड़ा भारत का ही भारी था। इस कारण भारत को एक आसान रास्ता मिला है सेमी फाइनल में प्रवेश का, पर शर्त यह है कि भारतीय टीम गोल करने की अपनी क्षमता का पूरा लाभ उठाए। अब तक खेले तीन मैचों में भारत ने दो हीगोल किए और गोल करने के दसियों मौके गंवाए है। पेनल्टी कार्नर को भी वे गोल में नहीं बदल पाते। भारत की मज़बूती उसकी रक्षा पंक्ति में गोल रक्षक सविता बेजोड़ रही है। उसके अलावा रक्षा पंक्ति में सुनीता लाकड़ा और निक्की प्रधान चट्टान की तरह अडिग रही हंै। यही कारण है कि भारत ने विश्व की दो नंबर की टीम और मेजबान इंग्लैंड और सात नंबर की अमेरिका के साथ 1-1 से ‘ड्रा- खेला। ये दोनों ही मैच ऐसे थे जिनमें यदि रानी रामपाल के फारवर्ड या ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर थोड़ा भी कर पाती तो भारत जीत दर्ज कर सकता था।
भारत का प्रदर्शन
टूर्नामेंट में भारत की शुरूआत इंग्लैंड के खिलाफ मैच से हुई। इसमें नेहा गोयल के गोल से भारत बढ़त पर रहा, पर अंतिम मिनटों में उसने बढ़त गंवा दी। यहां भारत पेनाल्टी कार्नरों को भी गोल में बदल नहीं पाया। अगला मैच 16 वें नंबर की टीम आयरलैंड के साथ था जिसने अमेरिका को 3-1 से परास्त किया था। इस मैच में 0-1 से पिछड़ा भारत लगातार हमलों और विपक्ष की ‘डी’ पर मंडराते रहने के बावजूद कोई गोल नहीं कर पाया। इस हार से भारत के बाहर होने का अंदेशा हो गया था। तीसरे पूल मैच में अमेरिका के खिलाफ जब 11वें मिनट में वह 0-1 से पिछड़ गया और आधे समय तक चार पेनाल्टी कार्नर गंवा चुका तो लगने लगा थ कि वह बाहर हो जाएगा। पर आधे समय के तुरंत बाद मिले पेनाल्टी कार्नर को कप्तान रानी रामपाल से सीधी हिट से गोल में पहुंचा कर भारत को बराबरी पर ला दिया (1-1)। इसके बाद अमेरिका ने कई हमले किए पर गोल न कर सके। इस प्रकार पूल के तीन मैचों में भारत ने दो ‘डाऊ’ और एक हार के साथ दो अंक हासिल किए। इन तीन मैचों में उसने दो गोल किए और तीन खाए। इस प्रकार उसका गोलांतर रहा माईनस एक। दूसरी ओर अमेरिका ने भी दो मैच ‘ड्रा’ खेले और एक 1-3 से आयरलैंड से हारा और उसके अंक भी थे दो पर वह माईनस दो के गोलांतर पर होने के कारण बाहर हो गया।
क्वार्टर फाइनल में प्रवेश के लिए अब भारत को इटली के साथ खेलना है। उसकी रैंकिंग 17 है और नीदरलैंडस ने उसे 12-1 से हराया है पर यह नहीं भूलना चाहिए कि पूल मैचों में उसने दो एशियाई देशों चीन को 3-0 से और दक्षिण कोरिया को 1-0 से परास्त किया था। 2015 हाकी वल्र्ड लीग सेमीफाइनल में भारत इटली से शूटआउट में जीता था। पर वह पुरानी बात है। पिछले तीन सालों में भारतीय हाकी में भारी सुधार हुआ है और उसकी रैंकिंग 13 से 10 पर पहुंच गई है। इटली पेनाल्टी कार्नर पर गोल करने में मज़बूत है। उसने अब तक के तीन मैचों में जो पांच गोल किए हैं उनमें से दो पेनाल्टी कार्नर से ही आए हैं।
भारत की समस्या
भारत की अब तक की समस्या वही है गेंद के साथ चिपके रहना। जल्दी पास न देना और गैप न बनाना। देखा गया है कि फारवर्ड खिलाड़ी ‘डी’ में पहुंच कर भी शॉट लेने में झिझक दिखाते हैं और मौका चूक जाता है। कई बार तो यह लगता है कि उनमें सोच की कमी है। 23 मीटर की लाइन के आगे जाते ही उनकी गति धीमी हो जाती है और अपने खाली खड़े साथी को देख नहीं पाते।
पेनाल्टी कार्नर लेने में भी उनके पास कोई विकल्प नहीं है। गुरजीत कौर को एक भी ऊंचा फ्लिक करते नहीं देखा। हर शॉट ज़मीनी होता है। उसमें कोई विविधता नहीं होती। अमेरिका के खिलाफ रानी रामपाल का गोल इसलिए हो गया क्योंकि गेंद उछल गई थी। नहीं तो भारत के खिलाफ तो विपक्षी गोल रक्षक पांच चार कदम भाग कर लेट जाता है और हिट की गई गेंद उसके शरीर से टकरा कर रूक जाती है। यदि भारत को जीतना है तो गुरजीत कौर को ऊंचे फ्लिक लगाने होंगे क्योंकि गोलरक्षकों की लेटने की प्रवृति में ये काफी प्रभावशाली साबित हो सकते हैं।