केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार कामयाब रही हैं। मोदी सरकार ने आतंकवाद के खात्मे के लिए कई बड़े कदम भी उठाए हैं। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 168 फीसदी की कमी आई हैं। और वर्ष 2014 के बाद 6 हजार आतंकियों ने सरेंडर भी किया हैं।“
अनुराग ठाकुर ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्ष 2016 का सर्जिकल स्ट्राइक, वर्ष 2019 में बालाकोट का हमारा एक्शन इसके जीते जागते प्रमाण हैं। और कहा कि हमें उनसे नसीहत नहीं चाहिए। वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल का बिलबिलाना और किसी विदेशी देश के नेताओं का बोलना यह दिखाता है कि भारत ने आतंक के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई की हैं।
उन्होंने आगे कहा कि नॉर्थ ईस्ट में शांति, बोडो एग्रीमेंट, एनएलएफटी एग्रीमेंट, बीआरयू एग्रीमेंट, कारबी और असम-मेघालय ट्रीटी इसके प्रमुख उदाहरण है। आतंकवाद के खिलाफ कानून बनाने में भी मोदी जी अति महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पूरी दुनिया को एकजुट करना, नो मनी फॉर टेरर जैसे सांगठनिक काम किया। आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना। अफस्पा एक्ट को हमने नॉर्थ ईस्ट के ज्यादातर जगहों से हटा दिया, असम के भी 60 फीसदी जगहों से हटाया गया।“
केंद्रीय मंत्री ने पीएफआई पर निशाना साधते हुए कहा कि, मोदी सरकार ने सामाजिक कल्याण के बहाने कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले एक संगठन (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं किया, हमने संगठन के खिलाफ गहन जांच की और उसके सदस्यों को गिरफ्तार किया। कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।“
ऑपरेशन गंगा के तहत साल 2021-22 में एक फरवरी से लेकर मार्च के बीच चला रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत यूक्रेन में फंसे 22 हजार 500 भारतीय नागरिकों को लाया गया। साथ ही वर्ष 2021 में ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत अफगानिस्तान से 670 नागरिक लाए गए थे। और कोरोना महामारी के दौरान वंदे भारत के जरिए 1 करोड़ 83 लाख लोगों को स्वदेश लाया गया था।
वर्ष 2016 में ऑपरेशन संकट मोचन, ऑपरेशन नेत्री के तहत नेपाल से भारतीयों को लाया गया, ऑपरेशन राहत के जरिए यमन से भारतीय नागरिकों को लाया गया। भारत ने न केवल अपने ही नागरिकों को बल्कि विदेशी लोगों की भी जान बचाई हैं।