मोदी सरकार की तरफ से जबरदस्ती छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों में तीन सदस्यीय समिति को कुछ न मिलने की ख़बरों के बीच सोमवार (१२ नवम्बर) को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई मामले में सुनवाई होगी। ख़बरें हैं कि सीवीसी की समिति की जांच में आलोक वर्मा के खिलाफ आरोपों का कोइ सबूत नहीं मिलने से उन्हें ”क्लीन चिट” मिलने की पक्की सम्भावना दिख रही है। वर्मा के खिलाफ आरोप उनके ही मातहत विशेष निदेशक राकेश आस्थाना ने लगाए थे जिनके खिलाफ खुद कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है।
खुद आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में उन्हें मोदी सरकार की तरफ से छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है जबकि कांग्रेस ने भी इसी मामले में एक यचुका दाखिल की हुई है। इसके अलावा सीबीआई मामले में प्रशांत भूषण आदि ने भी याचिका डाली है। कांग्रेस इस मामले को राफेल की जांच से जोड़ रही है ताकि मोदी सरकार के लिए परेशानियां बढ़ाई जाएँ।
अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में होनी वाली सुनवाई पर सबकी नजर रहेगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक की देखरेख में सीवीसी जांच के निर्देश दिए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने सीवीसी को आलोक वर्मा से जुड़े मामले में दो हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। कोर्ट सोमवार को सीबीआई के अंतरिम चीफ नागेश्वर राव के २३ अक्टूबर को अफसरों के अचानक किये तबादला आदेश पर कोइ निर्णय सुना सकता है।
आधी रात को की कार्रवाई में मोदी सरकार ने २३ अक्टूबर को कथित घूसखोरी विवाद में सीबीआई निदेशक वर्मा और नंबर दो के अधिकारी विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था। राकेश ने वर्मा पर रिश्वत के आरोप लगाए थे। केवी चौधरी की अगुआई वाली सीवीसी की तीन सदस्यीय कमेटी ने अस्थाना के सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
याद रहे २३ अक्टूबर को सीबीआई रिश्वतखोरी मामले की सुनवाई मुख्या न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुआई वाली तीन जजों की पीठ ने की थी। अब कल (सोमवार) को दो जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इस पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि सोमवार और शुक्रवार को शीर्ष कोर्ट में कई केसों की सुनवाई होती है, लिहाजा इस मामले की सुनवाई दो जजों की बेंच में होगी।