1984 सिख विरोधी दंगों मामले की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का को जान से मारने की धमकी मिली है। इसे बारे में एक जज को पत्र मिला है जिसमें फुल्का को मारने की बात कही गई है। इस बात की जानकारी वरिष्ठ वकील को दिल्ली की एक अदालत ने दी है। फुल्का कुछ समय के लिए आम आदमी पार्टी से भी जुड़े।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राउज एवेन्यू अदालत की मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरज्योत सिंह भल्ला ने इस बारे में सीबीआई को 11 फरवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया है। अदालत दंगों से जुड़े एक मामले में सुनवाई कर रही थी जिसमें कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर भी आरोपी हैं।
बता दें कि सीबीआई दंगों से जुड़े इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टाइटलर को तीन बार क्लीन चिट दे चुकी है, पर अदालत ने सीबीआई को मामले की आगे जांच करने का निर्देश दिया था। धमकी के बारे में फुल्का ने कहा, ‘इस तरह की चीजें मुझे डिगा नहीं पाएंगी। 35 साल की लड़ाई के दौरान इस तरह की धमकियां मुझे इससे पहले भी कई बार मिल चुकी हैं।’
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों से जुड़ा यह मामला उत्तर दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारा का है, जहां पर तीन लोगों की मौत हुई थी। बादल सिंह, ठाकुर सिंह और गुरचरण सिंह की मौत मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई थी, लेकिन बाद में इसके जांच के आदेश दिए गए थे।