आस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज और एक दिवसीय सीरीज जीतने के बाद न्यूज़ीलैंड की धरती पर भी भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन जारी है। भारतीय टीम ने न्यूज़ीलैंड में पांच मैचों की वनडे सीरीज 4-1 से जीत ली है। भारतीय टीम के 86 साल के इतिहास में न्यूज़ीलैंड में भारत की सबसे बड़ी जीत है। भारत ने न्यूज़ीलैंड में अपने दौरों की शुरूआत 1967 में की थी। इससे पहले भारत ने 2009 में वनडे सीरीज जीती थी। इसके साथ ही वेलिंगटन में भारत को 16 साल बाद जीत हासिल हुई है। भारत ने यहां अपना पिछला मैच 2003 में सौरभ गांगुली की कप्तानी में जीता था।
भारत ने पहले तीन मैच जीत कर 3-0 की बढ़त बना ली थी। 23 जनवरी को खेले पहले मैच में 8 विकेट से जीत हासिल की। इसके बाद 26 जनवरी को मेजबान टीम को 90 रनों से शिकस्त दी। 28 जनवरी को खेले गए तीसरे मुकाबले में भारत ने 7 विकेट से मैच जीत कर सीरीज पर कब्जा जमा लिया। परंतु 31 जनवरी को हैमिल्टन में खेले गए चैथे मैच में कीवी टीम ने भारत को 90 रन पर ढेर कर सबको चांैका दिया।
अंतिम पांचवा वन डे वेलिंगटन में खेला गया। यहां चौथे वनडे की हार से उबरते हुए भारत ने शानदार प्रदर्शन किया। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया की हालात एक समय चैथे वनडे की तरह ही दिखाई दे रही थी। उसने 18 रन पर चार विकट गंवा दिए थे। इनमें कप्तान रोहित शर्मा (02), शिखर धवन (06) शुभमन गिल(07) और धोनी (01) के विकेट शामिल थे। इसके बाद रायडू ने शंकर के साथ मिलकर मोर्चा संभाला और पांचवे विकेट के लिए 98 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी करते हुए टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला। शंकर के बाद रायडू ने जाधव (34) के साथ छठे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी की। जाधव को हेनरी ने आएट किया। इसके बाद हार्दिक पांडया ने भुवनेश्वर (06) के साथ मिल कर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और आठवें विकेट के लिए (45) रन जोड़े। पांडया ने पांच छक्कों और दो चैकों की मदद से 45 रन बनाए। पांडया ने एस्टल के ओवर में तीन गेंदों पर तीन छक्के जड़े। इस तरह भारत ने 252 रन बनाए।
न्यूज़ीलैंड की पारी
लक्ष्य का पीछा करने आई कीवी टीम को कोलिन मुनरो (24), हेनरी निकोलस (08) ने अच्छी शुरूआत देने की कोशिश की। लेकिन मोहम्मद शमी ने 18 के स्कोर पर निकोलस को आउट कर कीवी टीम का पहला विकेट गिराया। इसके बाद शमी ने मुनरो को आउट कर कीवी टीम को दूसरा झटका दिया। अनुभवी खिलाडी रॉस टेलर (01) भी कुछ खास नहीं कर पाए। तीन विकेट गवाने के बाद कप्तान केन विलियमसन (39) ने टॉम लाथन (37) के साथ 67 रन की साझेदारी कर स्कोर को 100 के पार पहुंचा। केदार जाधव ने विलियमसन को आउट कर न्यूज़ीलैंड को चौथा झटका दिया। चहल ने कोलिन डिग्रैडहोम(11) को आउट किया। इस तरह चहल ,जाधव ने मध्यक्रम के बल्लेबाजों को पारी संवारने का मौका ही नहीं दिया। हार्दिक पांडया ने मिशेल सेंटनर (22) को आउट किया। इस तरह कीवी टीम 44.1 ओवर में 217 रन पर ही सिमट गई और भारत ने सीरीज 4-1 से जीत ली।
इस मैच में अंबाती रायडू को मैन ऑफ इ मैच चुना गया। उन्होंने 90 दन की शानदार पारी खेली। मोहम्मद शमी को मैन ऑफ द सीरीज का खिताब मिला। विराट की कप्तानी में टीम ने विदेश में तीसरी वन डे सीरीज जीती हैं इससे पहले भारत ने अफ्रीका में 5-1, आस्ट्रेलिया में 2-1 से सीरीज जीती है।
हार्दिक ने लगाई छक्कों की हैट्रिक
निलंबन खत्म होने के बाद दूसरे ही मैच में हार्दिक पांडया ने शानदार प्रदर्शन किया। पांडया ने एस्टल के 47 वें ओवर की दूसरी,तीसरी और चौथी गेंद पर तीन छक्के लगाए। इससे पहले भी विभिन्न प्रारूपों में वह चार बार ऐसा कर चुके हैं।
टी-20 सीरीज में हार
वनडे सीरीज के बाद तीन मैचों की टी-20 सीरीज खेली गई। परंतु इसमें भारत वनडे की तरह प्रदर्शन नहीं कर सका। टी-20 का पहला मैच वेलिंगटन में खेेला गया। इस मैच में भारत को टी-20 की सबसे बड़ी हार झेलनी पड़ी थी। इसमें न्यूज़ीलैंड ने 210 बनाए। भारतीय टीम 139 पर ही ढेर हो गई इस प्रकार भारत ने 80 रन से यह मैच हारा था।
दूसरा मैच ऑकलैंड में खेला गया। गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन और जबरदस्त बल्लेबाजी के दम पर भारत ने न्यूज़ीलैंड को सात विकेट से मात दी। ऑकलैंड में टॉस जीत कर कीवी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट पर 156 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम सात गेंदें शेष रहते हुए यह मुकाबला अपने नाम कर लिया।
सीरीज का तीसरा और अंतिम मैच हेमिल्टन में खेला गया । भारत यह मैच 4 रन से हार गया और उसका जीत की नई इबारत का सपना अधूरा रह गया। भारत ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया । कीवी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट पर 212 रन बनाए। कीवी खिलाडी कोलिन मुनरो ने 72 रन की शानदार पारी खेली और मैन ऑफ द मैच बने। जवाब में भारत 6 विकेट पर 208 रन ही बना पाया। भारतीय टीम की तरफ से विजय शंकर ने 43 रोहित शर्मा ने 38 और ऋषभ पंत ने 28 रन की पारी खेली। इस तरह तीन महीने से जारी भारत का अजेय रथ यहां थम गया।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जीती वन डे सीरीज
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने न्यूज़ीलैंड में तीन मैचों की वन डे सीरिज पर जीत दर्ज की। भारतीय टीम ने पहला मैच 9 विकेट से जीता था । दूसरा मुकाबला भारतीय टीम ने 8 विकेट से जीत कर सीरीज पर अपना कब्जा कर लिया था। इस तरह टीम ने 2-0 की अजेय बढ़त ले ली थी। सीरीज के अंतिम मैच में भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 44 ओवर में 140 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने आई न्यूज़ीलैंड की टीम ने 29.2 ओवर में दो विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया। न्यूज़ीलैंड की सूजी बेट्स (57) और कप्तान ऐीम सेटरवेट (66) की अर्धशतकीय पारी खेली।
भारतीय कप्तान मिताली राज के लिए यह मैच बेहद खास रहा। मिताली 200 वन डे खेलने वाली विश्व की पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं। भारत के लिए दीप्ति शर्मा ने 52 रन की पारी खेली। भारतीय टीम ने विदेशी पिच पर एक साल में दूसरी वन डे सीरीज अपने नाम की है।
टी-20 सीरीज में मिली हार
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने न्यूज़ीलैंड में तीन मैचों की सीरीज खेली।
सीरीज का पहला मैच वेेलिगटन में खेला गया। भारत ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। न्यूज़ीलैंड की टीम ने निर्धारित 20 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 160 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम 19.1 ओवर में 135 रन ही बना सकी। भारत की स्मृति मंधाना ने 58 रन बनाए। भारत इस मैच में 23 रन से हार गया।
इस सीरीज का दूसरा मैच ऑकलैंड में खेला गया। टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 20 ओवर में छह विकेट खोकर 135 दन बनाए। जेमिमा रॉड्रिग्ज ने सर्वाधिक 53 गेंदों में 72 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। न्यूज़ीलैंड ने 20 ओवर में 136 रन बना कर यह मैच जीत लिया। इस जीत के साथ ही न्यूज़ीलैंड ने तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त लेकर सीरीज पर अपना कब्जा कर लिया।
सीरीज का अंतिम मैंच हेमिल्टन में खेला गया। यहां न्यूज़ीलैंड ने भारत को 2 रन से हरा कर मैच जीत लिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूज़ीलैंड ने सात विकेट पर 161 रन बनाए। प्लेयर ऑफ द मैच सोफी डिवाइन ने 72 रन की शानदार पारी खेल कर न्यूज़ीलैंड को 3-0 से सीरीज जीता दी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम कीे स्मृति मंधाना ने एक बार फिर तूफानी शुरूआत दिलाई। स्मृति ने सर्वाधिक
86 रन बना कर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया। मंधाना की 86 रन की पारी के बावजूद भी भारत यह मैच जीतने में नाकामयाब रहा।