राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप दिन व दिन बढता ही जा रहा है । उसकी मूल वजह में सोशल डिस्टेसिंग का पालन का ना होना है। जानकारों का कहना है, कि भारत जैसे 130 करोड वाले देश में जहां पर संशाधनों का अभाव है, तो ऐसे में सोशल डिस्टेसिंग की उम्मीद रखना बेमानी है। क्योंकि लाँक डाउन तो एक समय तक ही संभव है । क्योंकि दो महीनें तक लाँक डाउन के कारण जो देश की अर्थ व्यवस्था लडखडाने लगी थी। इसलिये अर्थ व्यवस्था के साथ –साथ अगर सरकार ने कोरोना से बचाव के लिये कारगर व समय पर ठोस उपाय ना किये तो कोरोना के मामलों की संख्या में दिन व दिन बढोत्तरी ही होगी। आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ अनिल बंसल ने बताया कि देश वासियों को कोरोना से बचाव के साथ जीना होगा और ऐसे में जो भी संभव हो सकें, जैसे मास्क का लगाना , सैनिटाइजर का प्रयोग करना , आँखों से संक्रमण ना हो इसके लिये चश्मा का प्रयोग करना आदि शामिल है। डाँ बंसल ने बताया कि दिल्ली –एनसीआर में कोरोना के मामलों में इजाफा की जड ये है । कि जिस अंदाज में बसों में लोग चलने लगे है , ये जरूर है। कि बस में 20 से ज्यादा सवारी को नहीं बिठाया जा रहा है । पर बस स्टैण्डों में यात्रियों की भीड सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उडाती देखी जा सकती है।बाजारों में भीड कोरोना युग के पहले की तरह देखी जा रही है। लोगों में अब ये मैसेज है कि लाँकडाउन का हटना यानि कोरोना का हटना है । ऐसे में लोग निर्भीक होकर बाजारों में घूम रहे है और जाने – अनजानें में कोरोना पाँजिटिव रोगियों के संपर्क में आकर कोरोना रोगियों की संख्या में इजाफा कर रहे है।ऐसे में सरकार को जनता को जागरूक करने के साथ सख्ती से ये कोरोना से बचाव के उपाय करने होगे अन्यथा देश में कोरोना बढते मामले घातक हो सकते है।इंडियन हार्ट फाउण्डेशन के अध्यक्ष डाँ आर एन कालरा ने तहलका को बताया कि आने वाले दिनों में कोरोना का प्रकोप काफी नुकसान वाला हो सकता है। क्योंकि अब मौसमी बीमारियों के दिन भी आने वाले है जिसमें हैजा, चिकनगुनिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू और जलजनित बीमारियों के कारण काफी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आ सकती है। तो इन बीमारियों के साथ कोरोना से कैसे बचा जा सकें इसके लिये जनता और स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि मौसमी बीमारी और कोरोना महामारी दोनों ही संक्रमित बीमारियाँ है । ऐमे सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना और संक्रमित व भीड –भाड वाले इलाके से बचना जरूरी है। डाँ कालरा का कहना है कि कोरोना से डरो मत अगर कोरोना के लक्षण है या आशंका है तो जरूर कोरोना की जाँच करवाये , क्योंकि कोरोना के मरीज पूरी तरह से ठीक होकर अपने घरों में जा रहे है। इसलिये रोग को छिपाये ना बल्कि इलाज करवायें।