राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने रविवार को कहा कि राम मंदिर के मसले पर कोर्ट को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होने कहा कि सभी पक्ष मंदिर के लिए सकारात्मक पहल करें।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को धर्मसभा बुलाई। इस समय दिल्ली में बड़ी संख्या में विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकर्ता जुटे हैं। इनके अलावा देश के विभिन्न इलाकों के अलग-अलग मंदिरों और मठों से जुड़े साधु-संत भी वहां जुटे हैं।
वीएचपी की तरफ से यह धर्मसभा राम मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए बुलाई गयी है। धर्मसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश जोशी उर्फ भैयाजी जोशी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण से ही भविष्य का राम राज्य तय होगा। ”अदालत को देश की भावनाएं समझनी चाहिए। देश राम राज्य चाहता है, भावनाओं का सम्मान हो। हम भीख नहीं मांग रहे हैं। लोगों की भावनाओं का सवाल है। कोर्ट का सम्मान करते हुए हमने बहुत इंतजार किया। कोर्ट की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए।”
भैयाजी जोशी ने कहा कि भगवान राम कब तक अस्थाई टेंट में रहेंगे और भक्त देखते रहेंगे। ” सरकार राम मंदिर पर कानून बनाने की पहल करे।” उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि जो भी हो शांति से हो। संघर्ष करना होता तो इंतजार नहीं करते। इसलिए सभी लोग इसमें सकारात्मक पहल करें। हमारा किसी के साथ संघर्ष नहीं, राम राज्य में ही शांति आती है।”
आरएसएस नेता ने कहा कि भगवान राम का मंदिर भविष्य में रामराज्य का आधार बनेगा। अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने वाले आज दुखी होते हैं। ”भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन करना चाहते हैं और सब चाहते हैं राम भव्य मंदिर में रहें।” कहा कि १९९२ में काम अधूरा रह गया। ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना।