अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ ही हो सकते हैं 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव। बीजेपी सूत्रों के अनुसार यह क़दम चुनावों के दौरान होने वाले खर्चों को कम करने के लिए उठाया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और हरियाणा जैसे राज्यों के चुनाव कराए जा सकते हैं।
पार्टी प्रमुख अमित शाह ने सोमवार को विधि आयोग को पत्र लिखकर कहा कि देश हर वक्त चुनाव के मोड में नहीं रह सकता है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एक देश एक चुनाव की पैरवी करती रही है।
इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए सभी पार्टियों की बैठक बुलाई जा सकती है। याद रहे इस तरह से चुनाव कराने के लिए संविधान में संशोधन कराने की जरूरत भी नहीं है।
जहाँ आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा के चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ ही होते हैं, वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में लोकसभा चुनावों में छह महीने विधानसभा के लिए वोट डाले जाते हैं। ऐसे में इन राज्यों के चुनाव कुछ महीनों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव भी लोकसभा के साथ कराया जा सकता है। इन सभी राज्यों में बीजेपी का शासन है। इन सभी राज्यों में लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव होने हैं।
याद रहे कि 2014 का लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में हुए थे। सूत्रों ने बताया कि आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही होने हैं।
कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा का चुनाव भी समय से पहले कराए जा सकते हैं। यहां की विधानसभा का कार्यकाल 2020 के अंत तक है। नीतीश कुमार की अगुआई वाली जेडीयू सरकार में बीजेपी सहयोगी है।
जम्मू कश्मीर में अभी किसी की सरकार नहीं है। पीडीपी बीजेपी के अलग होने के बाद से वहां पर राज्यपाल का शासन है। ऐसे में वहां पर भी अगले साल चुनाव कराया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ विपक्षी दल कांग्रेस एक साथ मतदान कराने के खिलाफ है। विपक्षी पार्टिया सरकार के प्रस्ताव को लोकतंत्र के विरूद्ध बता रही हैं।