प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम संबोधन में कोरोना कोविड-१९ के कारण लॉक डाउन को ३ मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है। जनता से कहा है कि अनुशासन का सख्ती से पालन करें। पीएम ने कहा कि नए हाट स्पॉट बने तो हमारी मेहनत बेकार चली जायेगी, लिहाजा कठोरता बढ़ाई जाएगी और २० अप्रैल तक हर जिले को बहुत बारीकी से परखा जाएगा। इसका मूल्यांकन किया जायेगा। जो क्षेत्र हाट स्पॉट नहीं बढ़ने देंगे वहां २० अप्रैल से जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। यह भी शर्त के साथ होगी। बाहर निकलने की शर्तें भी सख्त होंगी। कुछ भी गड़बड़ हुई तो अनुमति वापस ले ली जाएगी।
पीएम ने कहा कि बुधवार को गाइडलाइन जारी की जाएंगी। गरीबों और दिहाड़ीदारों का ख्याल रखा जायेगा। उनकी मुश्किल काम करने का लक्ष्य है। पीएम गरीब कल्याण योजना से मदद की कोशिश की है। पहले से भी ज्यादा सख्ती करनी पड़ेगी। हाट स्पॉट पर कड़ी नजर रखी जाएगी। किसानों की दिक्क्तों का भी ख्याल रखा जायेगा। पीएम ने कहा कि दवाईं और जरूरी चीजें देश में उपलब्ध हैं। कोरोना टेस्टिंग का दायरा भी बढ़ाया गया है।
मोदी ने सात बातों पर जोर दिया। बुजुर्गों का जिन्हें पहले से बीमारी हैं का ख़ास ख्याल रखें, आपसी दूरी का पूरा पालन करें, घर में बने मास्क का उपयोग करें, आयुष मंत्रालय की निर्देशों-सलाह का का पालन करें, कोरोना को रोकने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप्प डाउन लोड करें, जितना हो सके गरीबों की मदद और देख रेख करें, आपने व्यवसाय के साथी लोगों का ख्याल रखें किसी को नौकरी से न निकालें और कोरोना की लड़ाई में जुटे का सम्मान करें। जो लोग डाक्टर, नर्सें, सफाई कर्मचारी और अन्य सभी आदि जो कोरोना की जंग में फील्ड में काम कर रहे हैं उनका गौरव और सम्मान करें।
उन्होंने कहा कि कोरोना जिस तरह फ़ैल रहा है उसने सरकारों को और सतर्क किया है। हम कोरोना से जीतें कैसे, इन पर राज्यों के साथ निरंतर चर्चाएं हुई हैं। हर किसी का यही सुझाव है कि लॉक डाउन की अवधि को बढ़ाया जाए।
पीएम ने जनता से कहा कि आपके त्याग के कारण हम इसपर काफी हद तक काबू पाने में सफल रहे हैं। काफी लोगों को दिक्क्तें भी आई हैं। यह बाबा साहब आंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजली है। उनसे प्रेरणा मिलती है। देश भर में त्योहारों का भी समय है। हम उत्सवों से हरे-भरे रहते हैं। बैसाखी और उथांडू , बिहू, बिशु से देश के नए साल की शुरुआत हुई है।
पीएम ने कहा कि लोगों ने जितने संयम से लॉक डाउन का पालन किया है उससे मदद मिली है। घर पर रहकर त्यौहार मना रहे लोग, यह प्रेरक है और प्रशंसनीय है। पीएम ने जनता के स्वास्थ्य की मंगल कामना की है।
मोदी ने कि आज पूरे विश्व में कोरोना की जो स्थिति है उससे हम सब परिचित हैं। भारत ने कैसे अपने यहाँ संक्रमण को रोकने की कोशिश की आप भी इसके सहभागी हैं। जब हमारे यहाँ एक भी केस नहीं था तभी एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गयी थी। फिर १४ दिन का आईसोलेशन शुरू कर दिया था। जब ५५० केस थे लॉक डाउन कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि किसी से तुलना नहीं की जा सकती। लेकिन कुछ सचाइयाँ हैं कि दुनिया के सामर्थ्यवान देशों को देखें तो भारत की स्थिति कहीं अच्छी है। आज कई देशों में भारत के मुकाबले कोरोना के केस २५-३० फीसदी ज्यादा बढ़ गए हैं। हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है।
अपनी सरकार के फैसलों के लिए पीठ थपथपाई। बीते दिनों के अनुभवों से साफ़ है हमने जो रास्ता चुना आज की स्थिति में वही हमारे लिए ठीक है। आपसी दूरी का लाभ देश को मिला है। आर्थिक दृष्टि से जरूर महंगा है। बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है लेकिन भारतवासियों के जीवन की ज्यादा कीमत है। दुनिया भर में भारत की चर्चा है।
राज्य सरकारों ने भी इसमें बहुत जिम्मेदारी के साथ काम किया है। उन्होंने २४ घंटों हालत को संभाला है।
लेकिन कोरोना जिस तरह फ़ैल रहा है उसने सरकारों को और सतर्क किया है। हम कोरोना से जजीते कैसे इन पर राज्यों के साथ निरंतर चर्चाएं हुई हैं। हर किसी का यही सुझाव है कि लॉक डाउन को बढ़ाया जाए।
याद रहे इससे पहले २४ मार्च को पीएम ने अपने संबोधन में लॉक डाउन का ऐलान करते २१ दिन को इसे १४ अप्रैल तक के लिए लागू करने की घोषणा की थी।