कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लॉक डाउन के बांछित नतीजे नहीं निकले हैं और लॉक डाउन में ऐसे समय में ढील दी जानी शुरू हुई है जब देश में कोविड-१९ वायरस से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी बैकफुट पर हैं। हमें दूसरे देशों के हिसाब से नहीं, अपने देश की जरूरतों के हिसाब से फैसले करने चाहिएं।
पिछले करीब डेढ़ महीने में तीसरी वीडियो कांफ्रेंसिंग प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता गांधी ने मोदी सरकार के कोरोना से निबटने ने तरीकों पर सवाल उठाए और कहा कि पहला लॉक डाउन लगते हुए यह कहने वाले पीएम कि २१ दिन में वायरस की चेन टूट जाएगी, अब बैक फुट पर हैं। राहुल ने पहली बार पीएम मोदी पर कोरोना से निबटने में फेल होने का आरोप लगाया और कहा कि आज ६० दिन के बाद देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी भी सूरत में जनता का भरोसा सरकार पर से नहीं उठना चाहिए, लेकिन यह भी सच है कि सरकार जनता का भरोसा नहीं बना पा रही। राहुल ने कहा कि सरकार अभी भी मजदूरों की मदद कर सकती है। सरकार को उनके खाते में सीधे पैसा डालना चाहिए।
राहुल ने जोर देकर कहा कि लॉक डाउन का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। बीमारी बढ़ रही है। जनता को सरकार को यह बताना चाहिए कि उसकी क्या योजना है। जनता का उसमें भरोसा बने, इसलिए यह बताना जरूरी है। गरीब, प्रवासी मजदूर और किसानों को लेकर वह क्या कर रही है।
कुछ दिन पहले मजदूरों से अपनी मुलाकात का वीडियो जारी करने पर भाजपा के उनका मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे इसकी चिंता नहीं कि वे (भाजपा) क्या करते हैं। यह उनका (भाजपा) तरीका हो सकता है। राहुल ने कहा कि वे गरीब मजदूरों से मिलकर उनका दुखः साझा करना चाहते थे और इसे सामने लाना चाहते थे।
याद रहे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मजदूरों से मिलकर राहुल ने उनका समय ”बर्बाद” किया। बेहतर होता वे (राहुल) उनका सामान उठाकर साथ चलकर उनकी मदद करते। इसपर राहुल ने आज कहा, कि नहीं उत्तर प्रदेश जाने की इजाजत दे दो तो वे ऐसा करने के लिए तैयार हैं।
चीन को लेकर सवाल पर राहुल ने कहा कि हमारा काम सरकार पर दबाव डालना है। राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में महाराष्ट्र में अचानक तेज हुई राजनीति को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि कांग्रेस वहां निर्णायक भूमिका में नहीं है, भले हम वहां सत्ता में हिस्सेदार हैं। कहा कि सरकार चलना और उसका समर्थन करना अलग-अलग बातें हैं।