जैसे –जैसे कोरोना का कहर प्रकोप कम हो रहा है। वैसे-वैसे लोगों में कोरोना के प्रति सजगता कम हो रही है। जो कोरोना जैसी महामारी को बढ़ावा दे सकती है। इस बारे दिल्ली और एनसीआर के लोगों ने बताया कि कोरोना को लेकर सही मायने में जनता बड़ी वे -परवाह है। जिसका नतीजा ये है कि कोरोना जैसी महामारी कम होने का नाम तक नहीं लें रही है।इस बारे में गाजियाबाद के धनजंय का कहना है कि कोरोना को लेकर लाँकडाउन और अनलाँकडाउन के बीच सरकार एक ऐसी गाइड लाइन बनानी चाहिये ताकि, लोगों के बीच दिनचर्या बन जाये।जैसे मास्क का लगाना, सोशलडिस्टेंसिंग और समय-समय पर सैनेटाइजर का प्रयोग करना आदि।
स्वास्थ्य अधिकारी डाँ ओ पी शर्मा ने बताया कि कोरोना को लेकर लोगों के बीच ये भ्रम व्यापक है। कि कोरोना अब जाने लगा है। उन्होंने लोगों को याद कराया कि इसी साल फरवरी माह में भी तो कोरोना लगभग चला सा गया था। पूरे देश में व मुश्किल से 8 से 10 हजार ही मामले बचें थे।
अचानक मार्च के अंन्तिम सप्ताह से अप्रैल से जो कोरोना को कहर बरपा उसने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया। गौरतलब है कि कोरोना के कहर साथ –साथ डेंगू, मलेरिया और मौसमी बीमारियों का प्रकोप देश में तेजी से फैल रहा है। जून के महीने से ही जलजनित बीमारी के कारण युवा , बच्चे और बुजुर्ग काफी बीमार होते है। तो ऐसे में लोगों को कोरोना के साथ किसी भी प्रकार की कोई बीमारी को नजरअंदाज ना करना चाहिये। दिल्ली सरकार के अस्पताल के डाँ पी के शर्मा का कहना है कि सरकार को एक ऐसी गाइड लाइन बनानी चाहिये ताकि बीमारी से असानी से निपटा जा सकें।और काम-काज भी प्रभावित ना हो।लोगों के दैनिक कामों पर भी असर ना पड़े।