कोरोना के कहर और लाँकडाउन के चलते सीजनल धंधों का बेड़ा गर्क हो रहा है। पिछली साल 2020 में लाँकडाउन के लगने से कूलर –पंखों का कारोबार करने वालों का सारा का सारा काम धंधा चौपट हो गया था। फिर 2021 में कोरोना का कहर लोगों के जीवन में ही संकट बनकर नहीं आया है। बल्कि धंधें वालों पर रोजी-रोटी का संकट बनकर आया है। कूलर –पंखों का काम करने वाले कूलर व्यापारी प्रदीप शुक्ला का कहना है कि दिल्ली से देश के कई राज्यों में उनके कूलर- पंखे थोक और फुटकर में विकते थे। लेकिन लाँकडाउन के कहर ने सब कुछ चौपट कर दिया है।
दिल्ली के कमला मार्केट के कूलर व्यापारी हिमांशु का कहना है कि कई बार मुशीबत एक साथ इंसान का इंम्तिहान लेती है। जैसे कोरोना का कहर , लाँकडाउन और इस साल तो मई माह में गर्मी तो कम ही पड़ी है। उस पर ताउते तूफान ने ऐसी वर्षा की है। धंधा सब पानी-पानी हो गया है। हिमांशु का कहना है कि अप्रैल –मई माह में ही कूलर की बिक्री ही सबसे ज्यादा होती है। लेकिन लाँकडाउन के चलते नहीं हो पायी है । अब तो जून का महीना आने वाला है। जो धंधें की बाट लगा देगा। ऐसे में कूलर व्यापारियों ने सरकार से मांग की है। उनको को भी कुछ राहत पैकेज के माध्यम से राहत दी जाये ताकि, वे अपने परिवार का अपना पालन पोषण कर सकें।