बैठकर •िान्दगी बिताने की जीवन शैली आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। दिन के समय आप जितना कम बैठे या लेटेंगे, उससे उतना ही ज़्यादा आप स्वस्थ जीवन बिता सकेंगे। अगर आप दिन के दौरान खड़े रहते या चलते-फिरते हैं, तो आपको डेस्क पर बैठकर काम करने वालों की तुलना में जल्द मृत्यु का खतरा कम होता है। यदि आप बैठकर जीवन बिताते हैं, तो इससे आपमें मोटापे, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है साथ ही इससे अवसाद और कुंठित होने की भी आशंका रहती है।
बैठने की जीवन शैली कैसे करती है प्रभावित?
वज़न
चलने से मांसपेशियाँ सक्रिय रहती हैं, जिससे आपके शरीर में वसा और शर्करा को पचाने में मदद मिलती है। यहाँ तक कि आप व्यायाम करते हैं; लेकिन इसके बाद भी बहुत समय बैठने पर बिताते हैं, तब भी आपमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम की स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरा रहता है।
हाल ही के शोध से पता चला है कि बैठकर जीवन बिताने के खतरों से निपटने के लिए आपको मध्यम-तीव्र िकस्म की गतिविधि में रोज़ाना 60-75 मिनट खर्च करने की ज़रूरत होती है। लम्बे समय तक बैठे रहने वालों में दिल की बीमारी का खतरा भी रहता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि जो पुरुष सप्ताह में 23 घंटे से अधिक टीवी देखते हैं, उन्हें दिल की बीमारी से मौत खतरा 64 प्रतिशत ज़्यादा होता है बनिस्बत उन लोगों को जो हफ्ते में 11 घंटे टीवी देखते हैं।
मधुमेह
अध्ययनों से पता चला है कि पाँच दिनों तक बिस्तर पर पड़े रहने से भी आपके शरीर में इंसुलिन रुकावट बढ़ सकती है। शोध बताते हैं कि जो लोग अधिक समय बैठकर बिताते हैं उनमें मधुमेह का खतरा 112 प्रतिशत अधिक होता है।
कूल्हे और पीठ
यदि आप लम्बे समय तक बैठे रहते हैं तो इससे आपके कूल्हे और पीठ जवाब दे सकते हैं। लगातार बैठे रहने से भी आपकी पीठ में तकलीफ हो सकती है, खासकर अगर आप खराब मुद्रा में या एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन कुर्सी या कार्यस्थल पर ज़्यादा समय बिताते हैं। खराब आसन भी रीढ़ की दिक्कत की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं जैसे रीढ़ का खिसकना, समय से पहले विकार बेहद दर्दनाक साबित हो सकता है।
गर्दन और कन्धे में अकडऩ
यदि आप अपना ज़्यादातर समय कंप्यूटर की बोर्ड पर बिताते हैं, तो इससे आपके गर्दन और कन्धों में दर्द और अकडऩ की समस्या हो सकती है।
कैंसर
ताजा अध्ययनों से पता चलता है कि बैठकर जीवन बिताने वालों में कुछ तरह के कैंसर के खतरे की आशंका बढ़ जाती है, जिनमें फेफड़े, गर्भाशय और पेट के कैंसर शामिल हैं। हालाँकि अब इसके पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है।
बीमारी ही नहीं, मौत का भी सबब
हर साल दुनिया-भर में शारीरिक निष्क्रियता के चलते 30 लाख से अधिक लोग मौत के शिकार (जो सभी मौतों का छ: प्रतिशत) हो जाते हैं। यह गैर-संचारी रोगों से होने वाली मौत का चौथा प्रमुख कारण है। लगातार बैठकर जीवन बिताने की शैली 21-25 प्रतिशत तक स्तन और पेट के कैंसर, 27 प्रतिशत मधुमेह के मामलों और करीब 30 प्रतिशत इस्कैमिक हृदय रोग की वजह बनती है।
इंटरनल मेडिसिन के एमडी डॉ. विनय वर्मा ने कुछ आसान से उपाय बताएँ, जिनको आप घर पर या स्वयं अपनाकर बैठकर जीवन बिताने से होने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के खतरों से बच सकते हैं-
जब आप ठीक-ठाक हों तो छोटी-छोटी चीजों को एक साथ रखने के बजाय अलग-अलग दूर रखें।
टीवी पर टाइमर सेट कर दें, आमतौर पर एक घंटे पहले बन्द करें, ताकि आपको जो आगे का काम करना है, उसे समय पर कर सकें।
मोबाइल फोन पर टहलते हुए बात करें।
अपना पसंदीदा टीवी शो देखने के दौरान खड़े हो जाएँ और कुछ जुदा करें।
बैठकर पढऩे के बजाय आप रिकॉर्ड की गयी पुस्तकों को टहलने के दौरान, सफाई या काम करते हुए सुन सकते हैं।
यदि आप एक कार्यालय में काम करते हैं:
खड़े रहने के दौरान ईमेल या रिपोर्ट पढ़ें।
ई-मेल या मैसेज करने के बजाय सहयोगियों से आप उनसे सीधे जाकर मिलें और उनसे बात करें।
लिफ्ट की बजाय सीढिय़ों का इस्तेमाल करें।
कॉन्फ्रेंस कॉल के लिए स्पीकर फोन का उपयोग करें और कॉल के दौरान कमरे में घूमें।
सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने के दौरान बैठने के बजाय खड़े हो जाएँ और उतरने से एक स्टेशन पहले उतरकर टहलते हुए जाएँ।
टहलें या साइकिल चलाएँ और कार को घर पर ही छोड़ दिया करें।
लिफ्ट या एस्केलेटर के बजाय सीढिय़ों का उपयोग करें या कम से कम एस्केलेटर का इस्तेमाल करें।
गंतव्य स्थल से एक बस स्टॉप पहले उतरें और बाकी रास्ता पैदल चलें।
आप जहाँ भी जा रहे हैं, वहाँ से दूर अपनी कार को दूर पार्क करें और फिर पैदल जाएँ।
डेस्क से कोई भी चीज़ हटाने के लिए दूर का विकल्प चुनें, ताकि आपको बार-बार उठना और बैठना पड़े।