उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 23 फरवरी को (आज) 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हो रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा चर्चित सीट लखीमपुर खीरी है। बताते चलें लखीमपुर खीरी केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कार से किसानों को रौंदा था जिससे 8 लोगों की मौत हो गयी थी। फिलहाल मामला अदालत में विचाराधीन है।
लखीमपुर खीरी के लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि पिछले साल 3 अक्टूबर को कथित तौर पर आशीष मिश्रा की कार से चार किसानों सहित 8लोगों की मौत हो गयी थी जिसको लेकर जमकर सियासत हुई थी। लखीमपुर के निवासी किशोर कुमार का कहना है कि यहां पर इस बार सत्ता बनाम विपक्ष की राजनीतिक लड़ाई कम चल रही है। जबकि किसान बनाम मिश्रा परिवार को लेकर सियासत हो रही है। क्योंकि किसान आंदोलन के दौरान जो भी घटना घटी उससे मानवता शर्मसार हुई है।
एक भय का माहौल बना था। कि आंदोलन तो लोकतंत्र में अधिकारों व हक के लिये किया जाता है। लेकिन यहां पर किसानों को रौंदा जा रहा है जिससे लोगों के अंदर आंदोलन को लेकर डरा बना था।
किसानों को लुभाने के लिये सपा, बसपा और कांग्रेस हर मोर्चे पर भाजपा के नेता अजय मिश्रा और उनके परिजनों पर दमनकारी नीतियों का आरोप लगा रही है। जानकारों का कहना है कि अगर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होती है। तो लखीमपुर का मामला और भी सियासी उग्र रूप अपना सकता है।
इस लिहाज से लखीमपुर का चुनाव और यहां की सियासत पर पूरे प्रदेश के नेताओं की नजर है। यहां के एकॉ-एक वोट पर राजनीतिक दलों की नजर है। किसानों के बीच उपजे क्रोध को लेकर भाजपा किसानों के बीच सेंध लगा रही है। साथ ही किसानों का मानमनोब्बल करती नजर आयी है।
प्रदेश की राजनीति के जानकार संतोष सिंह का कहना है कि पूरे प्रदेश में चुनाव में ये अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कौन सी राजनीति पार्टी चुनाव में जीत रही है। क्योंकि इसबार को मतदाता चुप है। क्योंकि अब जनता जान गई है। कि नेता वादे करते है। लेकिन काम अपने हिसाब से करते है। सो जनता को कोई खास उम्मीद नहीं है। इसलिये जनता खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।