सर्वोच्च न्यायालय लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड मामले में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. इस मामले पर सुनवाई अब 11 मार्च को होगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा वह इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित करे कि इस मामले को अब उसने (सुप्रीम कोर्ट) ने ले लिया है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की पीठ को प्रशांत भूषण ने बताया था कि मिश्रा को जमानत मिलने के बाद अन्य आरोपी भी हाईकोर्ट पहुंच रहे हैं लिहाजा इसे रोका जाना चाहिए।
याद रहे लखीमपुर खीरी मामले में पीड़ित किसान परिवार भी सर्वोच्च न्यायालय कोर्ट पहुंचे हैं. घटना के मुताबिक 4 किसानों और एक पत्रकार को कार से कुचल दिया गया था। याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई है.
सुनवाई के दौरान आज वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि परिवार के सदस्यों को सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि यूपी की सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने में नाकाम रही है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने जमानत देते समय मिश्रा के खिलाफ बड़े सबूतों पर विचार नहीं किया क्योंकि उसके खिलाफ चार्जशीट रिकॉर्ड में नहीं लाई गई.
याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने अपराध की जघन्य प्रकृति, चार्जशीट में आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत, पीड़ित और गवाहों के संदर्भ में आरोपी की स्थिति की संभावना पर विचार किए बिना जमानत दी थी. आरोपी न्याय से भाग रहा है और अपराध को दोहरा रहा है. साथ ही उसके न्याय के रास्ते में बाधा डालने की संभावना है.