रोहित शेखर तिवारी की पत्नी अपूर्वा शुक्ला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उसने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है, यह कहना है वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव रंजन का। उनका कहना है कि उन्होंने अपूर्वा को वैज्ञानिक आधार पर प्राप्त सबूतों के कारण पकड़ा है। ये सबूत उन्हें एफएसएल (फोरेंसिक) की रिपोर्ट से मिले हैं। पुलिस के मुताबिक अपूर्वा ने माना की खराब वैवाहिक जीवन के कारण उसने अपने पति को मारा। उसने बताया कि वह 16 अप्रैल को रोहित के कमरे में गई और उसने रोहित की हत्या कर दी। उसके बाद उसने सारे सबूत भी मिटा दिए। यह सब 90 मिनट में हो गया। पहले तो उसने क्राइम ब्रांच को गुमराह करने का प्रयास किया। शुरू में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ही उससे पूछताछ की थी। असल में क्राइम ब्रांच ने रोहित शेखर के सभी परिवार वालों से पूछताछ की। दावा है कि पुलिस को अपूर्वा के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल गए। उनके घर पर काम करने वाली एक नौकरानी ने बताया कि हत्या से कुछ घंटे पहले अपूर्वा का अपने पति से ‘विडियो कालिंग’ पर भारी झगड़ा हुआ। पुलिस के विशेष जांच दल ने अपूर्वा से लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की। वे घर की नौकरानी को भी अपने साथ अपने दफ्तर प्रशांत विहार ले गए जहां उनसे लंबी पूछताछ हुई। विशेष जांच दल को पता चला कि अपूर्वा ने 15 अप्रैल को सांय 7.30 बजे रोहित को ‘विडियो काल’ की। उस समय वह उत्तराखंड से लौट रहा था। रोहित शेखर अपनी मां, एनडी तिवारी के एक पूर्व अफसर और उसकी पत्नी के साथ लौट रहा था। ये लोग कुछ दिन के लिए उत्तराखंड गए थे और 15 अप्रैल को रात 10.30 बजे दिल्ली लौटे। रोहित 12 अप्रैल को उत्तराखंड वोट डालने गया था।
शुरू में यह मामला स्वभाविक मौत का लग रहा था पर एम्स के डाक्टरों को शक हुआ और हत्या का मामला दर्ज किया गया। पुलिस के लोगों को एक सिरहाना मिला जिससे उन्हें लगा कि इसी सिरहाने से रोहित की हत्या की गई है। पुलिस शुरू से ही इस कहानी को नाकार रही थी कि रोहित की मौत दिल की धड़कन रुक जाने की वजह से हुई। रोहित को बेहोशी की हालत में पाया गया था और उसकी नाक से खून बह रहा था। ‘पोस्टमार्टम’ की रिपोट में स्पष्ट हो गया कि रोहित की मौत दम घुटने से हुई है। यह ‘पोस्टमार्टम’ ‘एम्स’ के पांच सीनियर डाक्टरों के दल ने किया। वे सभी मौत की ‘वजह’ पर एक मत थे। ‘पोस्टमार्टम’ रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मौत स्वभाविक नहीं थी। इस के बाद धारा 302 (हत्या की सज़ा) के तहत डिफेंस कालोनी थाने में मामला दर्ज किया गया। बाद में जांच के लिए मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। पुलिस के एसीपी राजीव रंजन और डीसीपी डाक्टर जॉय टिर्की ने सभी परिवार वालों, से पूछताछ की, इनमें मृतक की पत्नी अपूर्वा, मां उज्जवला, ‘कजिऩ’ राजीव और ‘आधा भाई’ सिद्धार्थ शामिल थे। पूछताछ के दौरान अपूर्वा से उसके अपने पति के साथ संबंधों के बारे में पूछा गया। यह देखा गया कि दोनों पति-पत्नी दोनों अक्सर अलग-अलग कमरों में सोते थे।
रोहित की मां उज्जवला ने बताया पति-पत्नी के संबंध 2018 में शादी से कुछ ही दिनों बाद खराब हो गए थे। जबकि अपूर्वा के पिता पदमाजा शुक्ला ने इस बात का खंडन किया और कहा कि दोनों के बीच कोई वैवाहिक झगड़ा नहीं था। उज्जवला ने बताया कि रोहित अपने राजनैतिक जीवन को लेकर परेशान था। उसकी मां के अनुसार इस हत्या का एक कारण संपत्ति भी हो सकती है क्योंकि अपूर्वा पूरी संपत्ति पर अपना अधिकार चाहती थी। पर पुलिस अभी हत्या का कारण नहीं जान पाई है और इसकी जांच में लगी है।