रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में ३५ बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला किया है। यह फैसला बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में किया गया। इस फैसले से होम लोन की दरों में कमी आएगी।
आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में ३५ बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला किया गया है। इस कटौती के बाद रेपो रेट ५.४० फीसदी पर आ गया है। इससे पहले रेपो रेट की दर ५.७५ फीसदी थी।
उधर आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान को भी ७ फीसदी से घटाकर ६.९ फीसदी कर दिया है। केंद्रीय बैंक की ओर से यह फैसला ऐसे समय में किया गया है जब मोदी सरकार ५ ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ८ फीसदी जीडीपी ग्रोथ हासिल करने के लिए रात-दिन एक कर रही है। इसके पहले जून में भी रिजर्व बैंक ने ग्रोथ का अनुमान ७.२ फीसदी से घटाकर ७.० फीसदी कर दिया था।
जानकारों के मुताबिक रेपो रेट कम होने के बाद बैंकों पर होम और ऑटो लोन पर ब्याज दर कम करने का दबाव बढ़ेगा। आरबीआई की ओर से रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती की गई है। रिवर्स रेपो रेट घटकर अब ५.१५ फीसदी हो गया है। पहले यह दर ५.५० फीसदी थी। रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई के ६ सदस्यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के २ सदस्य चेतन घटे और पामी दुआ ०.३५ फीसदी की कटौती नहीं बल्कि ०.२५ फीसदी कटौती चाहते थे। चार सदस्यों रविंद्र ढोलकिया, देवब्रत पात्रा, बिभु प्रसाद और गवर्नर शक्तिकांत दास ने ०.३५ कटौती का समर्थन किया।