जब 2020 में कोरोना के चलते लाँकडाउन था। उसी दौरान कुछ स्पेशल ट्रेनों का आवागमन जारी था। उस समय कम से कम आने-जाने वाले यात्रियों का तापमान देखा जा जाता था। सेनेटाईज किया जाता था। लेकिन इस साल 2021 में जब कोरोना का कहर, लोगों के जीवन हाहाकार मचा रहा है। कोरोना के मामले बढ़ रहे है। लोगों की मौतें हो रही है। तब रेलवे स्टेशनों में ना तो, आने- जाने वाले यात्रियों को तापमान देखा जा रहा है और ना ही सेनेटाईज किया जा रहा है। जबकि देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में आने –जाने के कारण लोगों में संपर्क स्थापित होने से लोगों में कोरोना के मामले बढ़ रहे है। निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन , पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन सहित अन्य देश के रेलवे स्टेशनों में कहीं पर भी कोई जांच प्रक्रिया देखने तक को नहीं मिल रही है।
निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन में कार्यरत एक पुलिस अधिकारी ने तहलका संवाददाता को बताया कि सरकार तो बहुत कुछ सामान देती है। ताकि संक्रमण को रोका जा सकें। यात्रियों को कोई परेशानी ना हो। लेकिन रेलवे विभाग के बड़े अधिकारी ही कुछ ना करें, तो कोई क्या करें। जबकि मौजूदा वक्त में रेलवे स्टेशनों को सेनेटाईज करने की सख्त जरूरत है।यात्रियों के तापमान देखने की जरूरत है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जो गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि जो भी सामान आया है या नहीं आया है। उसकी जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आयेगा।क्योंकि बड़ी मात्रा में तापमान चैक करने वाली मशीने और सेनेटाईज आये है। वे कहां गायब हो गये है, ये सब जांच के दायरे में आते है।