कोरोना वायरस महामारी के मद्दे नज़र चल रहे लॉकडाउन का सबसे बुरा असर प्रवासी श्रमिकों पर पड़ रहा है। इन लोगों के आगे रोज़ी-रोटी का संकट तो है ही, साथ ही इन्हें अपने घऱ पहुँचने में जो तकलीफ़ हो रही है, वह शब्दों से बयाँ नहीं की जा सकती। ऐसे में रेलवे ने सेवाएँ देनी शुरू कीं। इस पर किराये को लेकर काफ़ी खींचतान हुई, जिसमें रेलवे ने कहा था कि उसने 85 फ़ीसदी किराया माफ़ कर दिया है, जबकि 15 फ़ीसदी राज्य सरकारें देंगी। इसका मतलब तो यही हुआ था कि यात्रियों यानी प्रवासी श्रमिकों को अपने घर पहुँचने के लिए किराया नहीं देना पड़ेगा। लेकिन लोगों की मानें, तो रेलवे ने उनके साथ धोखा किया और एसी का किराया वसूला। इस पर भी दूसरे राज्यों में फँसे मजबूर श्रमिक जैसे-तैसे जुगाड़ करके घर जाने की कोशिश में लगे रहे। पर अब रेलवे ने कई ट्रेनें 30 जून तक रद्द करके उन्हें एक और बड़ा झटका दे दिया है। भारतीय रेलवे ने 30 जून तक के सभी टिकटों को रद्द कर दिया है। रेलवे का कहना है कि श्रमिक और स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी।
सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों ने पहले ही टिकट बुक करवा दिये थे, उनकी बुकिंग रद्द कर दी गयी है। अब अगर 30 जून के बाद बुकिंग शुरू होती है, तो ऐसे यात्री दोबारा टिकिट बुक कर सकते हैं। विदित हो कि रेलवे ने 12 मई से 15 स्पेशल ट्रेन चलायी हैं, जो कि दिल्ली से देश के अन्य 15 शहरों तक जा रही हैं। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, अगले सात दिनों के लिए क़रीब 2.34 लाख लोगों ने स्पेशल ट्रेन का टिकट बुक किया है। रेलवे को इनसे कुल 45.30 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।