भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को हुई मॉनिटरिंग कमेटी की गुरूवार को हुई बैठक में रेपो दर घटाने का फैसला किया गया है। रेपो रेट में २५ बेसिस प्वाइंट की कमी की गई है जिसके बाद यह घट कर ६.२५ फीसदी पर आ गई हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले पिछले साल अगस्त में आरबीआई ने रेपो दर को ०.२५ प्रतिशत बढाकर ६.५० प्रतिशत कर दिया था। इसी दर पर वह बैंकों को एक दिन के लिए उधार देता है। आपको बता दें कि रेपो रेट घटने और बढ़ने से बैंकों का कर्ज महंगा या सस्ता होता है। यह आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समीक्षा की पहली बैठक बैठक थी।
अब रेपो रेट घटने से क़र्ज़ सस्ता हो जाएगा। रेपो रेट ही वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। अब रेपो रेट काम होने से होम लोन, व्हीकल लोन आदि सस्ते हो जायेंगे।
बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीडिया से बातचीत मन जानकारी दी – ”वर्ष २०१९-२० के लिए वृद्धि दर के लक्ष्य को ७.४ फीसदी पर बरकरार रखा गया है। वर्ष २०१९-२० के पहले छह महीनों में मुद्रास्फीति की दर ३.२ -३.४ फीसदी रहने का अनुमान है और तीसरी तिमाही में इसके ३.९ फीसदी रहने का अनुमान है। चौथी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति के लक्ष्य को घटाकर २.८ फीसदी किया गया है।”