अमेरिका ने कहा है कि उसका रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर पाबंदी लगाने का इरादा नहीं है। अमेरिका ने कहा कि उसके भारत के साथ रिश्ते सर्वाधिक नतीजे देने वाले हैं।
यह बात यूरोपीय और यूरेशियन मामलों की अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री कैरेन डॉन फ्राइड ने कही। उन्होंने कहा – ‘भले ही नीतियों के मामले में अमेरिका और भारत के दृष्टिकोण अलग-अलग हो सकते हैं, दोनों ही देश अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था को बरकरार रखने के प्रति कटिबद्ध हैं। दोनों क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं।’
उधर अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री जॉफरी प्यॉट ने ऊर्जा संसाधनों के मामलों में कहा कि अमेरिका को रूस से तेल खरीद के मामले को लेकर भारतीय दृष्टिकोण से कोई दिक्कत नहीं, लेकिन हम इस मुद्दे पर जारी बातचीत को अहम मानते हैं। उन्होंने यह ज़िक्र भी किया कि कैसे हाल ही में हुई ज़्यादातर द्विपक्षीय चर्चाओं में ऊर्जा सुरक्षा भी बेहद अहम हिस्सा रही है।
उधर रूसी तेल पर लागू की गई अधिकतम मूल्य पाबंदी को वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिकों ने उचित ठहराया है। उन्होंने कहा है कि भले ही भारत सौदेबाजी नहीं कर रहा है, लेकिन यह बेहतर कीमत पाने के लिए मोलभाव करने का अच्छा मौका था।