क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिका के सुर से सुर मिलाने के बीच भारत ने रूस से तेल के आयात जारी रखने का फैसला किया है। भारत इस तेल आयात के लिए एक भुगतान प्रणाली तलाश कर रहा है। इस बीच भारत के इस फैसले को उचित ठहराने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रत्येक देश को अपने राष्ट्रीय हितों की देखभाल करनी होगी और हमारे हित या ज़रूरतें यूरोपीय देशों से अलग नहीं हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन युद्ध के बाद भारत सरकार मास्को से तेल के आयात के लिए एक भुगतान प्रणाली तलाश कर रहा है। रूस पर पश्चिम की तरफ से लागू प्रतिबंधों के साथ ही स्थानीय मुद्राओं में भुगतान की गुंजाइश व्यापार को जारी रखने के एक माध्यम से आगे बढ़कर द्विपक्षीय व्यापार को विस्तार देने तक पहुंच गया है।
ख़बरों में बताया गया है कि भारत रूस से सस्ते तेल की खरीद जारी रखेगा। हालांकि, अभी तक छूट की शर्तों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। औसत कीमत जिस पर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक कच्चा तेल खरीदता है, वह 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक है। भारत अपनी तेल जरूरतों का 80 फीसदी आयात करता है।
उधर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इन बातों को खारिज किया है, कि भारत रूस से आयात में बड़ी वृद्धि कर रहा है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर गोयल ने कहा – ‘हरेक देश अपने राष्ट्रीय हितों की देखभाल करता है। हमारे हित या ज़रूरतें यूरोपीय देशों से अलग नहीं हैं। हम हमेशा अपनी पेट्रोलियम जरूरतों के लिए विविध स्रोतों को देखते हैं।’