पिछले चुनाव से पहले जब भाजपा और इसके पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रूपये की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी और इसे २०१४ के लोक सभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनाया था तब लगता था मोदी के सत्ता में आने के बाद रुपये की हालत सुधार दी जाएगी। लेकिन अब जबकि मोदी सरकार साढ़े चार साल से सत्ता में है रूपया डालर के मुकाबले अपनी निम्नस्तर की कीमत पर पहुँच गया है।
गुरूवार को डालर के मुकाबले रुपया ४६ पैसे नीचे चला गया जिससे उसकी कीमत एक डालर के मुकाबले ७३.७० पहुँच गयी है। यह अब तक की सबसे काम कीमत है। पिछले कल भी रूपया ३३ पैसे नीचे गया था।
रूपया तो रूपया गुरूवार सुबह शेयर बाजार भी कमजोर दिखा। सेंसेक्स करीब ६०४ अंकों की गिराबट के साथ ३५,३७०.८९ के स्तर पर खुला। इसके अलावा निफ्टी १४८.५० अंक गिरकर १०,७०९.७५ के स्तर पर खुला। रूपया कमजोर होने को आर्थिक जानकार शेयर बाजार में भारी गिरावट का सबसे बड़ा कारण मान रहे हैं।
उधर यूएस डालर के लगातार मजबूत होने और बाजार से पूंजी निकास जारी रहने से रुपया सोमवार को २६ पैसे लुढ़ककर करीब दो हफ्ते के निम्न स्तर ७२.९१ रुपए/डालर पर बंद हुआ था। भारतीय बाज़ार में रूपये के लगातार डालर के मुकाबले अबमूल्यन से चिंता पसर रही है।