भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुये प्रमुख नीतिगत दर (रेपो दर) में कोई बदलाव नहीं किया है।
केंद्रीय बैंक ने रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर पूर्ववत रखा है ।
भाषा की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ केंद्रीय बैंक ने भरोसा दिया है कि यदि मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम नहीं दिखाई देता है तो वह दर में कटौती करेगा।
केंद्रीय बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों को विभिन्न क्षेत्रों को अधिक कर्ज देने की भी सलाह दी है ताकि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को समर्थन दिया जा सके।
ख़बरों के अनुसार केंद्रीय बैंक ने सावधानी पूवर्क मौद्रिक नीति को कड़ा करने के अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है।
केन्द्रीय बैंक ने जनवरी से बैंकों की एसएलआर दर में हर तिमाही 0.25 प्रतिशत कटौती की भी घोषणा की है। यह कटौती इसके 18 प्रतिशत पर नीचे आने तक जारी रहेगी।
वर्तमान में एसएलआर दर 19.5 प्रतिशत पर है। इससे बैंकों के पास अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी और वह अधिक कर्ज दे सकेंगे।
भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) तीन दिन चली बैठक के बाद नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मत दिया।
केंद्रीय बैंक इस साल दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुका है। उसने सावधानीपूर्वक मौद्रिक नीति को सख्त करने के अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है।