कांग्रेस में एक और राहुल गांधी समर्थक अशोक तंवर पार्टी से बाहर हो गए हैं। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तंवर ने विधानसभा चुनाव में टिकटों को लेकर नाराजगी ही नहीं जताई थी बल्कि टिकट ”बेचने” तक का आरोप लगाया था। तंवर ने आखिर शनिवार को कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
एक और राहुल समर्थक मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रहे संजय निरुपम ने भी एक दिन पहले ही आरोप लगाया था कि ज़मीन से जुड़े और राहुल गांधी समर्थकों को एक-एक कर पार्टी से बाहर करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने इस सिलसिले में त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष किरीट प्रद्योत देब बर्मन भी कुछ ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में कांग्रेस को उस समय झटका लगा जब दलित नेता पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वे टिकटों के वितरण के तरीके पर सख्त नाराजगी जताते हुए पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास के बाहर धरना भी दे चुके थे। उन्होंने पांच करोड़ रूपये में एक टिकट बेचने का आरोप लगाया है। तंवर के इस्तीफे से कांग्रेस को हरियाणा में झटका लगा है।
तंवर पिछले कुछ दिन से नाराज चल रहे थे। उन्हें ऐन चुनाव से पहले अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और एक और दलित नेता कुमारी सैलजा को अध्यक्ष बनाया गया था। उनके आरोप के मुताबिक टिकट वितरण में उनकी घोर अनदेखी की गयी क्योंकि उनके मुताबिक टिकट कथित तौर पर पैसे लेकर बेचे गए। तंवर ने सोहना विधानसभा सीट का नाम लेकर आरोप लगाया था कि वहां टिकट ५ करोड़ रुपए में बेची गयी है। है। तंवर का भी यही आरोप था कि पार्टी के लिए जीजान लगाने वाले नेताओं को टिकट बंटवारे के दौरान अनदेखा कर दिया गया। उन्होंने पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा पर भी भड़ास निकाली थी।