कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्ष के कुछ नेता आज शाम किसानों के आंदोलन के मद्देनजर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले। विपक्षी नेताओं ने एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपा है जिसमें कहा गया है कि सरकार बिना पर्याप्त चर्चा के ये कानून लाई है, लिहाजा इन्हें वापस लिया जाए। राष्ट्रपति से मिले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में गांधी के अलावा राकांपा प्रमुख शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा आदि शामिल थे।
किसानों के मसले पर ट्वीटर पर लगातार सक्रिय राहुल गांधी बुद्धवार को अन्य विपक्षी नेताओं का नेतृत्व करते दिखे। वह विपक्षी नेताओं के उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे जिसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। बैठक के बाद राहुल ने कहा – ‘हमने राष्ट्रपति को बताया कि यह बेहद जरूरी है कि ये किसान विरोधी कानून वापस लिए जाएं। एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपा। सरकार बिना पर्याप्त चर्चा के ये कानून लाई है, ऐसे में इन्हें वापस लिया जाए।’
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा – ‘किसान ने इस देश की नींव रखी है और वो दिनभर इस देश के लिए काम करते हैं। ये बिल किसान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित में हैं। अगर किसानों के हित में है, तो फिर किसान सड़कों पर क्यों हैं? इन बिलों का उद्देश्य हिंदुस्तान की कृषि व्यवस्था को प्रधानमंत्री के मित्रों के हवाले करने का है। किसान इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझ गए हैं।’
राहुल गांधी ने कहा – ‘किसान की शक्ति के सामने कोई नहीं टिक सकता। भाजपा सरकार को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान डर जाएंगे, पीछे हट जाएंगे। बिलों के रद्द होने तक किसान न डरेगा और न ही पीछे हटेगा।’
पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआर बालू, भाकपा के महासचिव डी राजा और येचुरी शामिल रहे। येचुरी ने इस मौके पर कहा कि हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है। ‘हमने कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को वापस लेने के लिए कहा है।’
इस बीच राहुल गांधी ने आज नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के मंगलवार के एक विवादित ब्यान जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘देश में कुछ ज्यादा ही लोकतंत्र है, जिसके कारण यहां कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है’ को लेकर राहुल ने आज हमला बोला। गांधी ने उनका ब्यान लेते हुए ट्विटर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सुधार, चोरी के जैसा है। गांधी ने ट्वीट किमें कहा – ‘श्रीमान मोदी के कार्यकाल में सुधार, चोरी के जैसा है। इसलिए वे लोकतंत्र से छुटकारा पाना चाहते हैं।’