कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो भारत जोड़ो यात्रा के तहत राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं, ने सोमवार सुबह पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी सहित देश की बड़ी हस्तियों को उनकी समाधियों पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इनमें महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी शामिल हैं।
सबसे पहले सुबह राहुल गांधी पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। राहुल ने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी के अलावा दिग्गज भाजपा नेता और पूर्व पीएम अटल विहारी वाजपेयी की समाधि पर जाकर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी और पुष्प अर्पित किये।
कड़ाके की ठंड के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अन्य नेताओं के साथ पहले वीर भूमि पहुंचे। आज भी राहुल ने टी-शर्ट और पैंट पहन राखी थी। समाधियों के क्षेत्र में वे नंगे पांव चले।
इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि जो लोग ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी से बातचीत करने जा रहे हैं, खुफिया ब्यूरो के लोग उनसे पूछताछ कर रहे हैं। यात्रा से जुड़ी किसी गोपनीयता से मना करते हुए, जयराम ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि दोनों नेता ‘घबराए’ हुए हैं।
जयराम ने एक ट्वीट में कहा – ‘आईबी कई लोगों से पूछताछ कर रही है, जिन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से बातचीत की थी। जासूस हर तरह के सवाल पूछ रहे हैं और उन्हें सौंपे गए ज्ञापन की प्रतियां चाहते हैं। यात्रा के बारे में कुछ भी गुप्त नहीं है, लेकिन स्पष्ट रूप से, मोदी और शाह घबराए हुए हैं।’
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए उनकी सराहना की और कहा कि उनके भाषणों ने खलबली मचा दी है। स्टालिन ने देश के पहले प्रधानमंत्री दिवंगत जवाहरलाल नेहरू की प्रशंसा करते हुए स्टालिन ने कहा कि देश को धर्मनिरपेक्षता और समानता जैसे मूल्यों को बनाए रखने के लिए उनके जैसे नेता और महात्मा गांधी की जरूरत है।
ए गोपन्ना की नेहरू पर लिखी पुस्तक ‘ममानीथर नेहरू’ के विमोचन पर स्टालिन ने कहा – ”नेहरू सच्चे लोकतंत्रवादी थे। संसदीय लोकतंत्र के प्रतीक थे। इसीलिए सभी लोकतांत्रिक ताकतें उनकी जय-जयकार करती हैं। प्रिय भाई राहुल अखिल भारतीय ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर रहे हैं। राहुल के भाषणों से देश में खलबली मच रही है। वह चुनावी राजनीति या दलगत राजनीति नहीं, बल्कि विचारधारा की राजनीति कर रहे हैं इसीलिए कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं।’