सरकार के कुछ मांगें मान लेने के बाद और कुछ पर भरोसा मिलने से किसानों का आंदोलन स्थगित होने के बाद अब दो महीने पहले उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों को कथित तौर पर एक केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा गाड़ी से कुचलकर मार देने की घटना बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जोरशोर से उठाया और आज सुबह एसआईटी की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए लोकसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया है।
बता दें इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने एक रिपोर्ट में लखीमपुर खीरी के न्यायिक दंडाधिकारी से कहा है कि किसानों को 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा संचालित एक एसयूवी गाड़ी से प्रदर्शनकारी किसानों को ‘हत्या करने के इरादे से कुचला गया था और यह लापरवाही से हुई मौत नहीं थी। निश्चित ही यह रिपोर्ट केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे के साथ-साथ भाजपा के लिए भी बड़ा झटका है।
विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस रिपोर्ट को लेकर बुधवार को बड़ा हमला बोला। एसआईटी की रिपोर्ट जिसमें इस घटना को एक ‘सुनियोजित साजिश’ बताया गया है, के आधार ने पर राहुल गांधी ने अपने नोटिस में कहा कि स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को मोदी मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सांसद ने लोकसभा में दिए स्थगन नोटिस में लिखा – ‘यूपी पुलिस की एसआईटी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि लखीमपुर में किसानों का नरसंहार एक पूर्व नियोजित साजिश थी, न कि कोई लापरवाही। सरकार को गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए और पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाना सुनिश्चित करना चाहिए।’
याद रहे राहुल गांधी और उनकी बहन पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी जाते हुए यूपी सरकार और उसके प्रशासन की तरफ से बहुत दिक्क़तें झेलनी पड़ी थीं। प्रियंका को एक दिन से ज्यादा हिरासत में रखा गया था जबकि राहुल गांधी को लख़नऊ एयरपोर्ट पर ही कई घंटे रोक कर रखा गया था। हालांकि, तमाम बाधाओं के बावजूद दोनों कांग्रेस नेता पीड़ित परिवारों से मिलने में सफल रहे थे।
अब मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ”आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ रैश ड्राइविंग के आरोपों को संशोधित किया जाना चाहिए, और हत्या के प्रयास के आरोप और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के आरोप शामिल किए जाने चाहिए।” बता दें मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा पर पहले से ही हत्या और साजिश के आरोप हैं और उनपर मामला चल रहा है।