कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया था। हालांकि कोर्ट ने उन्हें तुरंत जमानत दे दी थी। और उन्हें निर्णय के खिलाफ अपनी करने के लिए 30 दिनों तक उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया है।
राहुल गांधी को सजा मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, “मैं जानता हूं कि ये निर्णय आया है एक 2019, कोलार में बेरोजगारी, कीमतों की बढ़ोतरी के दौरान कहे हुए कुछ शब्दों की स्पीच के दौरान। अब इस निर्णय के बारे में मैं आपको तीन-चार चीजें बताना चाहता हूं।“
उन्होंने आगे कहा कि, “मूल निचोड़ ये है कि जानबूझकर गलत केस को थोपकर आवाज को रोकना, बंद करना, डराना, धमकाना ये प्रक्रिया ये सरकार भिन्न-भिन्न रूप से कर रही है। साथ-साथ इससे कहीं ज्यादा आपत्तिजनक वक्तव्य दिन-प्रतिदिन इनके द्वारा, उनके मंत्रियों द्वारा, इनके वरिष्ठ नेताओं द्वारा, इनके कार्यकर्ताओं द्वारा अनदेखा, अनसुना कर दिया जाता है। लेकिन इस भय से अगर वो सोचते हैं कि किसी रूप से जनहित के मुद्दों को उठाने में कांग्रेस हिचकेगी या राहुल गांधी हिचकेंगे, तो ये गलत धारणा है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर एक बैठक हुई जिसमें करीब 50 सांसद, कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य और पार्टी के अन्य नेता मिले और मल्लिकार्जुन खड़गे के घर बैठक हुई और यह बैठक दो घंटे चली। यह तय हुआ कि शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष विपक्ष की पार्टियों को बुलाया गया है और उनके साथ बैठक हुई और वे सभी संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे। साथ ही सोमवार को प्रमुख विपक्षी दल इस मामले को लेकर देशभर में अलग-अलग जगहों पर आंदोलन भी किए जायेंगे।
आपको बता दें, कर्नाटक के वायनाड से कांग्रेस के लोक सभा सदस्य राहुल गांधी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक बयान दिया था जिसमें ‘…मोदी सरनेम’ वाले बयान को लेकर मानहानि के केस में गुजरात के सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया है। सूरत कोर्ट का यह फैसला आज (यानी गुरुवार) को आया है। सूरत कोर्ट ने शुक्रवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी। और आज राहुल गांधी आपराधिक मानहानि के इस मामले में अदालत में फैसले के वक्त पेश हुए हैं