राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म किये जाने से भारत में ही नहीं विदेशों में भी इसकी गूँज पहुँचने लगी है। ममता बनर्जी से लेकर अरविंद केजरीवाल तक ने जहाँ राहुल गांधी की किये जाने को लोकतंत्र और विपक्ष को नुक्सान पहुंचाने वाला बताया है वहीं अब एक अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने राहुल गांधी को सदस्यता से अयोग्य घोषित किये जाने को गांधीवादी विचारधारा से ‘गहरा विश्वासघात’ करार देते हुए पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उधर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने इसे भारत के लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन बताया है।
रो खन्ना, अमेरिका में भारतीय मूल के प्रभावशाली सांसद है। याद रहे राहुल गांधी को सूरत (गुजरात) की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता ख़त्म कर दी गयी। रो खन्ना ने एक ट्वीट में कहा – ‘राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है।’
अमेरिकी सांसद ने कहा कि ‘यह वह नहीं है, जिसके लिए मेरे दादाजी ने अपनी जिंदगी के कई साल जेल में कुर्बान कर दिए थे। रो खन्ना अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह भारत और भारतीय-अमेरिकियों पर अमेरिकी संसद के कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
रो खन्ना ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “भारतीय लोकतंत्र के हित के लिए आपके पास इस फैसले को पलटने की शक्ति है। वहीं, अमेरिका में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने राहुल की सदस्यता ख़त्म करने को भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन करार दिया।
अब्राहम ने कहा कि यह भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है। उन्होंने कहा ‘राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर, मोदी सरकार हर जगह अभिव्यक्ति की आज़ादी और भारतीयों की आज़ादी के लिए मौत की घंटी बजा रही है’।
इस बीच भारत में राहुल गांधी की सदस्यता ख़त्म करने की विपक्षी दलों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। अभी तक कांग्रेस के खिलाफ दिख रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र को ख़त्म करने और विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश बताया है