राहुल गांधी का लोकसभा में तंज ‘यह हम दो हमारे दो की सरकार’, शहीद किसानों को दो मिनट का मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार पर जमकर हमला किया। पूरी फ़ार्म में दिख रहे राहुल गांधी ने कहा कि परिवार नियोजन के लिए पहले एक नारा होता था ‘हम दो हमारे दो।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि जैसे अब कोरोना अलग रूप में आ गया है, उसी तरह यह नारा भी दूसरे रूप में आ गया है। राहुल गांधी ने कहा कि देश को चार लोग चला रहे हैं – ‘हम दो हमारे दो’। हर एक आदमी उनके नाम जानता है। हम दो, हमारे दो यह किसकी सरकार है। राहुल और विपक्ष के सदस्यों ने सदन में दो मिनट का मौन रखकर आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि भी दी।
कांग्रेस नेता ने कहा – ‘हम दो हमारे दो…वो आपको याद होगा, वो फोटो होती थी चार। क्यूट से चेहरे, सुंदर से चेहरे, मोटे-मोटे चेहरे।’ उन्होंने कहा कि जब ये कृषि कानून लागू होंगे तो जो इस देश के किसान है, देश के मजदूर हैं, छोटे व्यापारी हैं इनका धंधा बंद हो जाएगा। इससे किसानों के खेत चले जाएंगे, उसे सही दाम नहीं मिलेगा, छोटे दुकानदारों की दुकानें बंद हो जाएगी और सिर्फ दो लोग ‘हम दो और हमारे दो’ इस देश को चलाएंगे।

सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने राहुल के भाषण पर आपत्ति की और स्पीकर से कहा कि वह विषय से हटकर बोल रहे हैं। लेकिन राहुल ने कहा कि वे किसानों के मुद्दे पर ही बोलेंगे। इस पर संदन में हंगामा होता रहा।

अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा  ‘लिखकर ले लीजिए। आप सोचते हो कि आप किसान, मजदूरों, छोटे दुकानदारों को अपने पैसे से परे कर सकते हो। आप लिखकर ले लो मुझसे किसान एक इंच भी पीछे नहीं हटने वाला है। किसान, मजदूर, छोटा दुकानदार आपको हटा देगा पर वह एक इंच भी पीछे नहीं हटने वाला।’

गांधी ने कहा कि आकार के कृषि कानूनों से देश का फूड सिक्योरिटी का सिस्टम नष्ट हो जाएगा और सालों बाद एक बार फिर देश के लोगों को भूख से मरना पड़ेगा। रूरल इकॉनमी नष्ट हो जाएगी और यह देश रोजगार नहीं पैदा कर पाएगा। यह कोई नई चीज नहीं है, यह काम प्रधानमंत्री ने हम दो हमारे दो के लिए पहले नोटबंदी से शुरू किया था। पहली चोट नोटबंदी थी। आइडिया था गरीबों और किसानों से पैसा लो और बैंक में डालो और हम दो हमारे दो के जेब में डालो। स्मॉल एंड मीडियम सेक्टर को खत्म कर दिया किसानों को बर्बाद कर दिया पर वहां नहीं रुके। जीएसटी – गब्बर सिंह टैक्स… पांच अलग अलग टैक्स और फिर से उन्हीं बेचारों किसानों, गरीबों और व्यापारियों पर आक्रमण फिर कोरोना आता है।

कांग्रेस नेता ने कहा – ‘कोरोना के समय मजदूर चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं बस, ट्रेन का टिकट दे दीजिए। नहीं, नहीं … तुम पैदल घर जाओगे। स्पीकर बार-बार टोंकते रहे पर राहुल बोलते रहे। सत्ता पक्ष के सदस्य सदन में खड़े होकर विरोध करते रहे। सत्ता पक्ष के सदस्यों के विरोध के बाद स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी से कहा, ‘माननीय सदस्य, आज बजट पर चर्चा है।’ इस पर राहुल ने कहा कि मैं अभी फाउंडेशन लगा रहा हूं अभी…।’

राहुल ने कहा कि कोरोना के समय उन्हीं 4-5 लोगों का सब कर्जा माफ। देश का रोजगार का जो सिस्टम है, आज यह देश रोजगार नहीं पैदा कर सकता है और कल भी यह नहीं कर पाएगा क्योंकि आपने इस देश की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है। गांधी ने आगे कहा कि यह मत समझिए कि यह किसानों का आंदोलन है। आपको बात अभी समझ में नहीं आई है यह देश का आंदोलन है। और ये किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है। किसान अंधेरे में टॉर्च दिखा रहा है, और एक आवाज से पूरा देश उठने वाला है। पूरा देश एक आवाज से हम दो हमारे दो के खिलाफ उठने जा रहा है।