राफेल को लेकर ब्यान पर कोर्ट की अवमानना के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिना शर्त सर्वोच्च अदालत से क्षमा याचना कर ली है। पहले उन्होंने इसके लिए खेद प्रकट किया था जिसे माफी नहीं माना गया था। राहुल गांधी ने साथ ही बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है जिसमें गुहार लगाई है कि अवमानना के मामले को बंद कर दिया जाए।
इस मामले में अब १० मई को सुनवाई होगी। राहुल गांधी ने अपने माफीनामे में कहा कि उनका न्यायालय का अपमान करने की कतई मंशा नहीं थी और न उन्होंने जानबूझ कर ऐसा किया। न ही वो अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा पहुंचाना चाहते थे। भूलवश उनसे ये हुआ। लिहाजा इसके लिए वो क्षमा चाहते हैं। न्यायालय उनके बिना शर्त माफीनामा को स्वीकार करते हुए उन्हें इस भूल के लिए क्षमा करे। उन्होंने सर्वोच्च अदालत से माफीनामे को स्वीकार कर केस को बंद करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के राफेल से जुड़े एक फैसले को उद्धत करते हुए यह कह दिया था कि ”अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है”, हालांकि कोर्ट ने ऐसी टिप्पणी अपने फैसले में नहीं की थी।
याद रहे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राफेल लड़ाकू विमान डील पर शीर्ष अदालत के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ”चौकीदार चोर है” टिप्पणी गलत तरीके से सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका पर दस मई को एकसाथ सुनवाई की जायेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि १४ दिसंबर, २०१८ के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकायें १० मई को सूचीबद्ध होंगी। इसके बाद अदालत ने ३० अप्रैल को राहुल गांधी को अपनी टिप्पणियों के बारे में एक और हलफनामा दाखिल करने के लिये अंतिम अवसर दिया था।