कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एक-दूसरे के इलाके में ताल ठोकने में लग गए है। मुद्दा है भ्रष्टाचार और विकास का। गुजरात में होने वाले चुनावों को देखते हुए राहुल की गुजरात यात्रा महत्वपूर्ण है। अब जबकि राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की तिथि नज़दीक आती जा रही है उनकी ‘नव सृजन यात्राÓ अहम मानी जा रही है। उनकी दो दिन की गुजरात यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी तक राहुल नरेंद्र मोदी के लगातार बढ़ रहे प्रभाव को रोकने में सफल नहीं हुए है। मोदी लहर में ही भाजपा 17 सूबों में सरकार बनाने में सफल हुई।
राहुल गांधी इस बार ज्य़ादा आक्रामक दिखे 10 अक्तूबर को उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा भाजपा का ‘पेरेंटÓ संगठन कौन सा है, वह है राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस)। यह उन्हीं की सोच है कि महिलाएं जितना चुप रहें, उतना अच्छा। जैसे कोई महिला मुंह खोले उसे चुप करा दो। क्या तुमने किसी महिला को हाफपैंट पहन कर आरएसएस की शाखा मेें देखा है? मैनें तो नहीं देखा। महिलाओं को आरएसएस में आने की इज़ाजत नहीं। उनकी पार्टी में कई महिलाएं हैं पर शाखा मेें एक भी नहीं। उन्होंने क्या गुनाह किया है?
उनकी इस टिप्पणी से आरएसएस में हड़कप्प मच गया। आरएसएस ने राहुल से बिना शर्त माफी मांगने को कहा। गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की।
अमित शाह ने सारा ध्यान राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी की ओर खींचने की कोशिश की। उस समय जबकि राहुल गांधी मोदी पर उनकी आर्थिक नीतियों को लेकर बरस रहे थे। राहुल ने आम आदमी और व्यापारियों को नोटबंदी में हुई तकलीफों का जि़क्र किया। साथ ही जीएसटी और पेट्रोलियम पदार्थों की तेज़ी बढ़ रही कीमतों के लिए सरकार को कोसा। उनके ‘रोड शोÓ को अगामी चुनावों की ‘रिहर्सलÓ के तौर पर देखा जा रहा है। मोदी और शाह के घर में राहुल को सुनने के लिए जो भीड़ जुटी वह असमान्य थी। ध्यान रहे कि गुजरात में इस साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।
वडोदरा में छात्रों से बातचीत में राहुल ने कहा कि मुद्रास्फीति का मुख्य कारण पैट्रोल और डीज़ल की कीमतों में भारी इज़ाफा है। उन्होंने मांग की पैट्रोल को भी जीएसटी के तहत लाया जाए।
इससे पूर्व उन्होंने अमदाबाद में प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने अमित शाह के बेटे जय शाह पर ‘द वायरÓ के खुलासे पर मोदी की चुप्पी की आलोचना की। जय के’टर्नओवरÓ के बढऩे पर राहुल ने कहा कि यह दुनिया अजीब है। 2014 में यह कंपनी कुछ भी नहीं थी। फिर 2014 में मोदी सत्ता में आए और नोटबंदी कर दी। जीएसटी लगा दिया इससे छोटे और मंझंले व्यापारी तथा किसान तबाह हो गए। पर इस आग में से एक कंपनी उभरी। जो कंपनी 2014 में कुछ भी नहीं थी वह कुछ महीनों में रु पए50,000 मात्र से 80 करोड़ तक पहुंच गई। राहुल ने यह बात खेड़ा जिले के कमला गांव मे एक जनसभा में कही।
मोदी के इस कथन को कि ‘न खाऊंगा और न ही खाने दूंगाÓ का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा अमित शाह के बेटे की दौलत के 16000 गुणा हो जाने पर वे चकित हंै। चुनाव से पहले मोदी ने यह भी कहा था कि वे प्रधानमंत्री नहीं अपितु देश की दौलत के चौकीदार बन कर काम करेंगे, अब कहां है वह चौकीदार?
राहुल ने मोदी को उत्तेजि़त करने के लहज़े मे ट्रवीट किया – ‘मोदी जी, जय शाह ज्य़ादा खा गया। आप चौकीदार थे या भागीदारÓ? कुछ तो कहिए। एक छात्र ने पत्रकारों की सुरक्षा के बारे में सवाल किया तो राहुल ने कहा, तुम्हें क्या लगता है लंकेश को क्यों गोली मारी गई? तुम सोचते हो सच्चाई छुपी रहेगी?
जब राहुल गांधी प्रधानमंत्री और अमित शाह पर उनके घर में बरस रहे थे उसी समय शाह राहुल गांधी के क्षेत्र अमेठी में कें द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ के साथ राहुल के खिलाफ प्रचार कर रहे थे। गुजरात के विकास का मज़ाक उड़ाने पर शाह ने कहा कि इटली की ऐनक लगा कर गुजरात का विकास नहीं देखा जा सकता। एक जनसभा में उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी और योगी अदित्यनाथ पूरे प्रदेश के साथ-साथ अमेठी का भी पूरा विकास करेंगे। शाह ने कहा कि स्मृति 2014 में अमेठी में राहुल से हारी थी, पर इस बार हमने उनके वोट बैंक में सेंध लगा दी है। उन्होंने सवाल उठाया कि राहुल की तीन पीढिय़ों ने अमेठी में क्या विकास किया है। उन्होंने पिछड़े क्षेत्रों में विकास न होने के लिए पिछली सरकारों को दोषी माना।