क्या केंद्र सरकार पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी में है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति रामनाथ कोविद से अब से कुछ देर पहले अचानक मुलाकात के बाद यह कयास लग रहे हैं, क्योंकि भाजपा बुधवार को पंजाब यात्रा के दौरान पीएम मोदी के उनके एक फ्लाईओवर पर 15 मिनट तक फंसे रहने के मामले को राजनीतिक रूप से उठा रही है। हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मामले में अपनी बात कही है कि सरकार को पीएम के सड़क से जाने की बात की जानकारी नहीं थी।
इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद ने कल की घटना पर अपनी चिंता जाहिर की थी। गृह मंत्रालय ने भी इसपर कड़ी टिप्पणी की थी और पंजाब सरकार से जवाब तलबी की है। एक तीन सदस्यी कमेटी भी बनाई गयी है।
अब पीएम मोदी के राष्ट्रपति से मिलने राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि जिस तरह से भाजपा ने इस मसले पर राजनीतिक रुख अपनाया है और अब मोदी राष्ट्रपति से मिले हैं, क्या केंद्र धारा 356 का इस्तेमाल करके पंजाब की चुनी सरकार को भंग करके वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी में है ?
भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मसले पर जमकर राजनीतिक जंग छिड़ गयी है। कांग्रेस का आरोप है कि चूँकि प्रधानमंत्री की फ़िरोज़पुर रैली में हज़ार से भी कम लोग थे, उस तरफ से ध्यान हटाकर सुरक्षा में चूक का मामला खड़ा किया गया।
राष्ट्रपति के सुरक्षा में चूक पर चिंता जताने के बाद उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी पीएम मोदी को फोन किया था। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी ने मुलाकात की।