जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) कैम्पस में रविवार को हुई हिंसा के विरोध में छात्र संघ और शिक्षक संगठनों की रैली को गुरुवार शाम अंबेडकर भवन के पास उस समय रोक लिया गया जब वे राष्ट्रपति भवन की तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने इस दौरान छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया है और उन्हें बसों में भरकर वापस भेज दिया है।
जेएनयूएसयू ने कहा है कि छात्र शान्ति से राष्ट्रपति भवन की तरफ जा रहे थे कि पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया। का आरोप है कि छात्राओं को भी पीटा गया है। जेएनयूएसयू का कहना है कि छात्र ७५ दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन आज भी एचआरडी मंत्रालय से उनकी बैठक संतोषजनक नहीं रही।
आज रैली में बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षकों शामिल हुए और मार्च निकाला। शाम को जब छात्र राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़ रहे थे, पुलिस ने उन्हें रोक लिया। छात्रों ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने उनपर लाठियां भांजी। उन्हें बसों में भरकर वापस भेज दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने कुलपति एम जगदीश कुमार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा छात्र जेएनयू परिसर में हिंसा के जिम्मेदार लोगों को जल्द सजा देने और बढ़ी हॉस्टल फीस को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उधर जेएनयू प्रशासन ने ५ जनवरी को हुई हिंसा के मामले में सुरक्षा में खामी की जांच का फैसला किया है। बताया गया है कि एक पांच सदस्यीय कमेटी सुरक्षा में खामियों की जांच करेगी और रिपोर्ट देगी।
उधर जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल ने कहा कि जेएनयू, जामिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन समेत विभिन्न सिविल सोसाइटी के लोग गुरूवार के मार्च में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दफ्तर तक मार्च करेंगे। हमारा मुख्य उद्देश्य मंत्रालय को इस बात से अवगत कराना है कि मौजूदा वीसी जगदीश कुमार के रहते हुए यूनिवर्सिटी में शांति नहीं रह सकती। उन्होंने वीसी के इस्तीफे की भी मांग की।
इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू हिंसा पर कहा कि जब ”ऊपर से” कानून-व्यवस्था न बनाने के आदेश मिलेंगे तो पुलिस क्या कर लेगी। अगर आदेश नहीं मानेगी तो सस्पेंड होगी।