
लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजते ही छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. भाजपा तो पहले से ही कमर कसकर मैदान में जुटी हुई है. लेकिन लगता है कि कांग्रेस की नींद खुलना अभी बाकी है. कांग्रेस ने अभी तक किसी बड़े कार्यक्रम का ऐलान नहीं किया है. जबकि लोकसभा की तारीखों के ऐलान के साथ ही जहां भाजपा राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ में दो आम सभाएं ले ली हैं. वहीं आप नेता सोनी सोरी ने भी राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार भरना शुरू कर दिया.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुलाए गए कार्यकर्ता सम्मेलन में आप नेता सोनी सोरी ने राज्य सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि हमें कमजोर समझने की भूल ना करें. सोरी ने कहा कि वे राजनीति में इसलिए आई हैं ताकि व्यवस्था रहकर उसमें सुधार कर सकें. उन्होंने मुख्यमंत्री रमन सिंह पर आरोप लगाया कि सीएम नक्सलियों को गले लगा रहे हैं लेकिन आम आदिवासी पर अत्याचार करवा रहे हैं. सोनी यहीं नहीं रुकी. उन्होंने यह भी कहा कि जो उनके साथ हुआ है यदि वह सीएम की बहन या बेटी के साथ होता तो वे क्या करते. उन्होंने कहा कि मुझे जेल में बार-बार निर्वस्त्र किया गया. मैने राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री तक सबको चिट्ठी लिखी लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हुई. सोनी ने कहा कि उनके पास राज्य सरकार के खिलाफ कई सबूत हैं जिनका समय आने पर खुलासा किया जाएगा.
आप की सभा में प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में रायपुर पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया. पूरे कार्यक्रम के दौरान सोनी सोरी अपने तेवरों के साथ आकर्षण का केंद्र भी बनी रही.
आप की सभा के ठीक एक दिन पहले भाजपा ने भी कांकेर और दुर्ग लोकसभा सीट पर दो सभाएं आयोजित करवाईं. इन सभाओं में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह कार्यकर्ताओं में जोश तो भरा ही साथ ही कांग्रेस की तुलना बिल्ली से करते हुए कहा कि बिल्ली को हम पाल तो सकते हैं लेकिन दूध की सुरक्षा की उम्मीद नहीं कर सकते. वैसा ही हाल कांग्रेस का है. जिसने देश को लूटने का काम किया है. राजनाथ ने कहा कि यूपीए सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. इस बार चुनाव सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि देश बनाने के लिए हो रहा है. कांकेर लोकसभा सीट भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है. कांकेर लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से छह कांग्रेस के पास हैं जबकि केवल दो विधानसभा सीटों अंतागढ़ और सिहावा में भाजपा को सफलता मिली थी. कांकेर लोकसभा सीट भाजपा के लिए इसलिए भी सरदर्द बन गई हैं क्योंकि यहां के सांसद भाजपा नेता सोहन पोटाई पर आरोप लगे हैं कि नक्सलियों का शहरी नेटवर्क उनसे जुड़ा हुआ था. पुलिस द्वारा पिछले दिनों पकड़े गए नक्सली मददगार धर्मेंद्र चोपड़ा और नीरज चोपड़ा पोटाई के करीबी बताए जा रहे हैं. ऐसे पोटाई से साथ-साथ भाजपा को भी आरोप-प्रत्यारोप का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि भाजपा ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कांकेर से की है.
कांग्रेस की बात करें तो पार्टी अभी कछुआ चाल ही चल रही है. पार्टी ने अभी तक ना तो कोई बड़ा कार्यक्रम घोषित किया है ना ही अपने आपसी झगड़ों से छुटकारा पाया है. हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि जल्द ही आप जैसी नई नवेली पार्टी से सीख लेकर उनका स्थानीय नेतृत्व कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम शुरू कर देगा.