राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार एक बड़े बयान में कहा राम मंदिर के आंदोलन के बाद उसकी तरफ से कोई आंदोलन नहीं चलाया जाएगा। भागवत ने यह भी कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग देखना सही नहीं है।
मोहन भागवत ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में संघ अधिकारी प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा – ‘हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों करते हैं। हमने 9 नवंबर को कह दिया था कि एक राम जन्मभूमि का आंदोलन था, जिसमें हम अपनी प्रवृत्ति के विरुद्ध किसी ऐतिहासिक कारण से सम्मिलित हुए। हमने उस काम को पूरा किया। अब हमें कोई आंदोलन वगैरह नहीं करना है।’
भागवत ने आगे कहा – ‘लेकिन लोगों के मन में मुद्दे उठते हैं। ये किसी के खिलाफ नहीं हैं। मुसलमानों को इसे अपने विरुद्ध नहीं मानना चाहिए, हिंदुओं को भी नहीं मानना चाहिए। अच्छी बात है, ऐसा कुछ है तो आपस में मिल बैठकर सहमति से कोई रास्ता निकालें।’
आरएसएस प्रमुख ने कहा – ‘सभी को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। दिल में कोई अतिवाद नहीं होना चाहिए, न ही शब्दों में और न ही कार्य में। दोनों तरफ से डराने-धमकाने की बात नहीं होनी चाहिए। हालांकि, हिंदू पक्ष की ओर से ऐसा कम है। हिंदुओं ने बहुत धैर्य रखा है। हिंदुओं ने एकता के लिए बहुत बड़ी कीमत भी चुकाई है।’
भागवत ने कहा कि हिंदुओं को यह समझना चाहिए कि मुसलमान उनके अपने पूर्वजों के वंशज हैं और ‘खून के रिश्ते से उनके भाई हैं। अगर वे वापस आना चाहते हैं तो उनका खुली बाहों से स्वागत करेंगे। अगर वे वापस नहीं आना चाहते, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पहले ही हमारे 33 करोड़ देवी-देवता हैं, कुछ और जुड़ जाएंगे। हर कोई अपने धर्म का पालन कर रहा है।’