कांग्रेस को राम मंदिर निर्माण का चुनाव से पहले वादा करने पर एक अप्रत्याशित समर्थन का वादा मिला है। विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि कांग्रेस राम मंदिर के निर्माण का वादा अगर अपने चुनाव घोषणा पत्र में कर देती है तो उसे चुनाव में समर्थन पर विचार किया जा सकता है। कुमार ने यहाँ तक कहा है कि कांग्रेस को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में लेने पर जो प्रतिबन्ध लगाया है उसे वापस ले लेना चाहिए।
वैसे बाद में आलोक कुमार ने अपने ब्यान पर सफाई दते हुए यह भी कहा कि वीएचपी किसी राजनीतिक दल को समर्थन नहीं करती। पहले अपने ब्यान में आलोक कुमार ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में यदि कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर का मुद्दा शामिल करती है तो समर्थन पर विचार करेंगे। ”केवल जनेऊ पहनने से काम नहीं चलेगा।” राम मंदिर निर्माण का मुद्दा वैसे भी आजकल सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गर्माया हुआ है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आलोक कुमार ने कहा कि राम मंदिर के लिए जिन्होंने खुले तौर पर वादा किया है, अगर कांग्रेस घोषणा पत्र में शामिल करे कि मंदिर बनाएंगे तो (कांग्रेस) के बारे में भी विचार करेंगे। ”कांग्रेस ने जो संघ के स्वयंसेवक के कांग्रेस में नहीं जा सकने वाला प्रतिबन्ध लगाया है उसे भी वापस ले।
भले आलोक कुमार ने अपने ब्यान पर बाद में सफाई दी है\, माना जा रहा है कि आलोक कुमार का ब्यान बहुत सोच समझकर आया है। इसे मोदी सरकार पर राम मंदिर मुद्दे पर दवाब बनाने के रूप में भी देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साल के शुरू में राम मंदिर के निर्माण को कहा था कि अयोध्या राम मंदिर का मसला अभी कोर्ट में है। ”लेकिन २०१९ के चुनाव में नौकरी, किसानों की चिंता, भ्रष्टाचार जैसे जुड़े मुद्दे उनके पार्टी के लिए अहम होंगे।” माना जा रहा है कि आलोक कुमार का ब्यान राहुल के इस ब्यान के संदर्भ में ही आया है।
वीएचपी के इस बयान को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यह माना जा रहा है कि वीएचपी राम मंदिर के मसले पर भाजपा पर अब भरोसा नहीं कर रही। वैसे बाद में अपने ब्यान पर सफाई में आलोक कुमार ने कहा – ”विहिप लोक सभा चुनाव में किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करेगा। कांग्रेस का ऐसा अभी तक इतिहास नहीं रहा है कि वह हिंदुत्व और राम मंदिर की बात करे।”