कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लगातार दबाव और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद के ”खुलासे” के बावजूद मोदी सरकार राफेल लड़ाकू विमान खरीद के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका ऐलान करते हुए इस सौद्दे को लेकर आये ब्यान के पीछे ”साजिश” बताया है और राहुल गांधी को भी जमकर कोसा है।
देश में इन दिनों राफेल डील को लेकर खूब धमाल मचा है। राहुल गांधी जहाँ लगातार इस मसले पर मोदी सरकार को घेर रहे हैं वहीं सरकार के विभिन्न मंत्री भी प्रेस कांफ्रेंस के जरिये राहुल और कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं। हालाँकि सरकार ने अब यह साफ़ कर दिया है कि राफेल को लेकर जो डील उसने की है उसे किसी सूरत में रद्द नहीं किया जाएगा।
एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में जेटली ने मोदी सरकार के रुख को भी साफ़ कर दिया कि फ्रांस और भारत के बीच गोपनीय समझौता उस वक्त की यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुआ था, जिस पर तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद के बयान की ”टाइमिंग” पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें यह कहने में आश्चर्य नहीं होगा कि सारी बातें सोच-समझ कर कही गई हों। जेटली ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ३० अगस्त को किए गए ट्वीट को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा – ”राहुल गांधी को कैसे मालूम था कि इस पर कोई बयान आने वाला है। यही बातें सवाल खड़े कर रही हैं”।
जेटली ने कहा है कि राफेल डील एक साफ-सुथरा सौदा है, इसलिए इसे रद करने का सवाल ही नहीं उठता। जेटली ने यह भी कहा है कि जहां तक बात विमानों के कम या ज्यादा कीमतों की है तो ये सारे आंकड़े नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के सामने हैं।