लड़ाकू विमान राफेल की खरीद को लेकर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में शनिवार को जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया। सरकार ने हलफनामे में कहा कि राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं में कोई आधार नहीं हैं, इसलिए सारी याचिकाएं खारिज की जानी चाहियें।
सर्वोच्च न्यायालय में सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि राफेल डील के गोपनीय दस्तावजों के परीक्षण के फैसले से रक्षा, बलों की तैनाती, परमाणु प्रतिष्ठानों, आतंकवाद निरोधक उपायों आदि से संबंधित गुप्त सूचनाओं का खुलासा होने की आशंका बढ़ गई है। इसमें केंद्र सरकार ने कहा कि सुरक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेजों के इस तरह सार्वजनिक खुलासे से देश के आस्तित्व पर खतरा है।
हलफनामे में सरकार ने कहा कि राफेल पुनर्विचार याचिकाओं के जरिए सौदे की चलती-फिरती जांच की कोशिश की गई। मीडिया में छपे तीन आर्टिकल लोगों के विचार हैं न कि सरकार का अंतिम फैसला। ये तीन लेख सरकार के पूरे आधिकारिक रुख को व्यक्त नहीं करते हैं। केंद्र ने कहा कि ये सिर्फ अधिकारियों के विचार हैं जिनके आधार पर सरकार कोई फैसला कर सके।
हलफनामे में सरकार ने कहा है कि अपने सीलबंद नोट में सरकार ने कोई गलत जानकारी सुप्रीम कोर्ट को नहीं दी। कैग ने राफेल के मूल्य संबंधी जानकारियों की जांच की है और कहा है कि यह २.८६ फीसदी कम है। केंद्र सरकार ने कहा कि कोर्ट जो भी मांगेगा सरकार राफेल संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।