कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को लोक सभा में राफेल पर सरकार और पीएम मोदी पर जमकर हमला किया। उन्होंने सदन में कथित रूप से गोवा के एक मंत्री की ऑडियो टेप बजने की इजाजत लोक सभा अध्यक्ष से माँगी जिसमें उन (राहुल) के मुताबिक राफेल की फाइल सीएम के आवास में होने की बात कही गयी है। हालाँकि अध्यक्ष ने उसे सुनाने की इजाजत नहीं दी जिसपर हंगामे के बाद लोक सभा २.३० तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल के सदन में टेप बजाने की मांग का जबरदस्त विरोध किया और मांग की कि पहले राहुल इस टेप को लिखित में ऑथेंटिकेट करें। इसपर राहुल ने कहा वे टेप नहीं सुनाएंगे। स्क्रिप्ट पड़ने की इजाजत माँगी। इसकी तरफ से इजाजत नहीं दी गयी। फिर अध्यक्ष ने सदन को २.३० बजे तक स्थगित कर दिया। फिर २.३० बजे दोबारा सदन शुरू हो गया। बाद में राहुल ने इस ऑडियो सीडी को लेकर सरकार पर जोरदार हमला किया। जांच के लिए जेपीसी की मांग की।
इससे पहले राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में एक ऑडियो क्लिप के सहारे सरकार पर हमला बोला। पार्टी ने दावा किया कि पूर्व रक्षा मंत्री और मौजूदा सीएम मनोहर पर्रिकर ने राफेल डील के रहस्य पर गोवा के मंत्रिमंडल में कुछ अहम जानकारियां दी थीं, जो कथित तौर पर उनके ही मंत्री विश्वजीत राणे से की गई बातचीत में कैद हैं।
एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने इस दावे के सबूत के तौर पर गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की बातचीत की एक ऑडियो क्लिप भी सुनाई। हालांकि कुछ देर बाद ही गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे ने दावा किया कि ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ की गई है।
उधर राफेल डील को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा समेत अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने बुधवार को राफेल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। साथ ही खुली अदालत में पुनर्विचार सुनवाई की मांग की है। इन तीन लोगों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि फैसले में कई त्रुटियां हैं।