मंगलवार का दिन राफेल डील के आरोपों-प्रत्यारोपों में उलझा रहा। पहले टीवी चैनलों पर दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर का इंटरव्यू आया जिसमें उन्होंने राहुल के आरोपों को नकार दिया साथ ही कहा कि नेहरू के ज़माने से उनकी कम्पनी भारत से व्यापार करती रही है और कांग्रेस से उसके काम के लम्बे अनुभव रहे हैं। इसके बाद लगातार राफेल मामले में मोदी सरकार को घेरने वाली कांग्रेस का ब्यान आया जिसमें उसने दसॉ सीईओ को उनके मार्च, २०१५ के उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि ”दसॉ और एचएएल के बीच करार लगभग तय हो चुका है”।
पहले बात दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर के इंटरव्यू की। दसॉ सीईओ ने न्यूज एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया और इस डील को लेकर उठ रहे तमाम सवालों के जवाब भी दिए।
ट्रैपियर ने इंटरव्यू में कहा कि ”अंबानी को चुनना उनका फैसला था और रिलायंस के अलावा ३० ऐसी और कंपनियां इसमें साझीदार हैं। भारतीय एयरफोर्स को इन विमानों की जरूरत है इसलिए वह इस सौदे का समर्थन कर रही है”। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस सौदे को लेकर आरोपों पर उन्होंने कहा – ”मैं कभी झूठ नहीं बोलता हूं। जो मैंने पहले कहा था और जो बयान मैंने दिए, वे सच हैं. मेरी छवि झूठ बोलने वाले की नहीं है। सीईओ के तौर पर मेरी स्थिति में रहकर आप झूठ नहीं बोलते हैं।” उन्होंने कहा कि उनके लिए जो अहम है, वह सच है। और सच यह है कि यह बिल्कुल साफ-सुथरा सौदा है और भारतीय वायुसेना इस सौदे से खुश है।
इसके बाद कांग्रेस की बारी थी। कांग्रेस ने कहा कि राफेल डील मामले पर देश सफाई नहीं, बल्कि निष्पक्ष जांच चाहता है। कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार का ”पीआर वर्क” करार दिया और कहा कि इससे काम नहीं चलेगा। कांग्रेस ने दसॉ सीईओ को उनके मार्च २०१५ के एक बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि ”दसॉ और एचएएल के बीच करार लगभग तय हो चुका है”।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने दसॉ सीईओ एरिक ट्रैपियर से कुछ सवाल किए। कहा कि एरिक को बताना चाहिए कि उनका कौन सा बयान सही है। आनंद ने कहा – ”मैं ट्रैपियर से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने २६ मार्च, २०१५ को तकालीन एयरफोर्स चीफ अरूप राहा और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) चीफ की मौजूदगी में यह बयान क्यों दिया था कि दसॉ और एचएएल के बीच करार लगभग तय हो गया है। एरिक ट्रैपियर का दसॉ और एचएएल के बीच करार लगभग तय होने वाला बयान आन रेकार्ड है। उनको बताना चाहिए कि कौन सा बयान सही है”?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी मैदान में उतरे। राफेल डील को स्कैम करार देते हुए रणदीप ने कहा कि देश इस मामले पर सफाई नहीं बल्कि निष्पक्ष जांच चाहता है।