राफेल पर कांग्रेस ने लगातार सरकार के खिलाफ अभियान जारी रखा है। मंगलवार को लोकसभा में राफेल मामले पर भाजपा सदस्यों ने जैसे ही राहुल गांधी से माफी की मांग की, कांग्रेस सदस्यों ने राफेल जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग कर दी। हंगामे के बाद लोक सभा १२.२० तक स्थगित की गयी। बाद में दोबारा हंगामा होने के कारण इसे बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि राफेल पर सरकार जेपीसी बना दे, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। संवाददाता ने उनसे पूछा था कि भाजपा आपसे माफी के लिए कह रही है। पलट कर राहुल ने पूछा – ”किसानों की क़र्ज़ माफी पर ?”
उधर रिपोर्ट्स के मुताबिक लोक सभा में इसके अलावा अलग-अलग मुद्दों पर अन्नाद्रमुक और तेलुगू देसम पार्टी (टीडीपी) के सदस्यों ने भी जमकर हंगामा किया। शोरशराबे के के बीच स्पीकर सुमित्रा महाजन ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने सदस्यों से सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि संसद चर्चा के लिए है और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सदन में हंगामा करना सही तरीका नहीं है और इससे अच्छा संदेश नहीं जाता है।
लोकसभा में आज कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल मामले पर जेपीसी के गठन की मांग दोहराते हुए कहा कि सरकार को यह मांग स्वीकार करनी चाहिए और जेपीसी के समक्ष उच्चततम न्यायालय में उल्लेखित ”कैग” रिपोर्ट आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विमान के मूल्य और दूसरे दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए।
इसपर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ”दूध का दूध, पानी का पानी” हो गया है। सरकार राफेल मामले पर चर्चा के लिए तैयार है। इसके बाद भी भाजपा और कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह प्रश्नकाल शुरू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी नदी पर बांध का निर्माण रोकने की मांग करते हुए जबकि तेदेपा सदस्य आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर अध्यक्ष के आसन के पास आ गए।