राफेल का भूत मोड सरकार का पीछा नहीं छोड़ेगा। जहाँ सर्वोच्च न्यायालय में इस बाबत दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर अब १४ मार्च को अगली सुनवाई होगी वहीं अंग्रेजी अखबार ”द हिन्दू” ने बुधवार को एक और रिपोर्ट छापकर सरकार की बखिया उधेड़ने की कोशिश की है। उधर सरकार की ही इंडिया नेगोसिएशन टीम के दस्तावेजों के हवाले से कांग्रेस ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके एक फिर पीएम मोदी पर राफेल में चोरी का आरोप लगाया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राफेल को लेकर मोदी सरकार पर राफेल में चोरी करने का आरोप लगाया और एक बार फिर कहा – ”चौकीदार ने चोरी की है।” सुरजेवाला ने इंडिया नेगोसिएशन टीम (आईएनटी) के हवाले से कहा कि जब कांग्रेस की सरकार १२६ जहाज खरीद रही थी, तब उनमें ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल थी। मगर मोदी सरकार के सौदे में यह नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा – ”चौकीदार की यह तीसरी चोरी है कि चौकीदार स्वंय इंडियन नेगोसिएशन टीम को बाइपास कर ३६ लड़ाकू जहाजों की नेगोशिएशन कर रहे थे। दोस्तों यह सनसनीखेज बात है कि इन ३६ जहाजों के खरीदने का निर्णय इंडियन नेगोशिएशन टीम ने नहीं किया। इसका नेगोशिएशन अजित डोवल ने किया।
सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में आगे कहा – ”राफेल घोटाले के लिए पीएम जिम्मेदार हैं। इस सौदे में करप्शन है। ३६ की कीमत अधिक है १२६ से।” उन्होंने कहा कि ३६ राफेल की कीमत ६३,४५० करोड़ है। ”मोदी सरकार ३६ की कीमत ५९,१३२ करोड़ कहा गया। चौकीदार की चोरी पकड़ी गई है।”
सुरजेवाला कि कहा कि जब यूपीए ले रही थी तो कीमत कम थी लेकिन मोदी जी के समय कीमत बढ़ गई। रक्षा सौदे में तकनीकी ट्रांसफर होना था लेकिन इसमें शामिल नहीं था। ३६ विमान ७०,२५० करोड़ पड़ रहा है। चौकीदार सबको छोड़कर खुद डील कर रहे थे। १२-१३ जनवरी को अजित डोवल फ्रांस गए और इस डील की बात की। इंडियन नेगोसिएशन टीम ने ये फैसला नहीं किया।