पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी तथा वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित आपराधिक कदाचार के लिए प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुरोध करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में दर्शाए गए अपराधों की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से समयबद्ध तरीके से जांच कराने और जांच की प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर शीर्ष अदालत को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध् किया गया है।
दोनों पूर्व केन्द्रीय मंत्री और प्रशांत भूषण ने अक्टूबर 4 को जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा से मुलाकात के बाद जांच ब्यूरो में अपनी शिकायत दायर की थी।
याचिका में यह भी कहा गया है कि सीबीआई ने चार अक्टूबर को दी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की है। याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई पर दबाव चरम पर है जिसके कारण वह निष्पक्ष तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है।
आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चल रहे गतिरोध के मद्देनजर ही मंगलवार को इन दोनों अधिकारियों को अवकाश पर जाने का निर्देश दिया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ याचिका में राफेल मामले में FIR दर्ज कर अदालत की निगरानी में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है. साथ ही कहा गया है कि केंद्र को निर्देश दिया जाए कि जांच से जुड़े अफसरों का तबादला न किया जाए या डराया न जाए.
राफेल सौदे पर पहले दाखिल की गईं दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सील कवर में सौदे से जुड़ी प्रक्रिया की जानकारी दाखिल करने को कहा है. इस नयी याचिका की सुनवाई अक्टूबर 31 को होगी।